Gujarat Communal Tension: गुजरात में दो समुदायों के बीच तनाव छा गया है. दरअसल, मस्जिद परिसर में साठ वर्षों से दुकान चला रहे तीन दुकानदारों को कुछ लोगों ने दुकान से बेदखल करने और उनका सामान फेंकने की भी कोशिश की. उन्होंने दावा किया कि संपत्तियां गुजरात वक्फ बोर्ड की हैं. जो वंशजों को अवैध रूप से हस्तांतरित की गई हैं. मामला गुजरात के राजकोट की है.
Gujarat Communal Tension: यह है पूरा मामला
नवाब मस्जिद परिसर में हुई घटना में पांच लोग शामिल हैं. पांचों लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. बता दें, साठ साल पहले तीन हिंदू व्यापारियों को दुकानें किराये पर दी गईं थीं. एक समूह ने नए साल पर दुकानों के ताले तोड़ दिए और उनका सामान फेंक दिया. लोगों ने पूछताछ की तो लोगों ने गुजरात वक्फ बोर्ड के लेटरहेड था, जो 19 दिसंबर 2024 का था. लेटरहेड पर बेदखली की मंजूरी दी गई थी. पत्र में कहा गया कि दुकानदारों ने मंजूरी लिए बिना अपनी किरायेदारी अवैध रूप से अपनी पीढ़ियों को हस्तांतरित कर दी.
आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत कर दी गई है. शिकायत में कहा गया कि वक्फ बोर्ड के लेटर में लिखा है कि उन्होंने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है पर असल में ऐसा नहीं हुआ है.
Gujarat Communal Tension: घटना मे शामिल लोगों ने क्या कहा
दुकान खाली करवाने आए समूह मे शामिल फारुक मसानी ने कहा कि गुजरात वक्फ बोर्ड का आदेश मिला, जिसके बाद हमने दुकान को अपने कब्जे में लिया. दुकान वर्षों से बंद हैं. दुकान की हालत खस्ता है. इस वदह से मस्जिद को भी नुकसान हो रहा है. हमने आदेश का सिर्फ पालन किया है.
Gujarat Communal Tension: भाजपा विधायक ने पुलिस से की शिकायत
मामले में भाजपा विधायक दर्शिता शाह ने राजकोट पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की. उन्होंने दुकानदारों को अवैध रूप से बेदखल करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. शाह ने मामले में कहा कि मैं पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की है. मैंने उनसे जांच करने और भविष्य में ऐसी घटना न हो, ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है.