Supreme Court on Drugs: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश के युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताई. इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने युवाओं को ड्रग्स के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी भी जारी की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स लेना बिल्कुल भी 'कूल' नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने युवाओं से इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने की अपील की.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सोमवार को ड्रग्स तस्करी के आरोपी अंकुश विपन कपूर के खिलाफ एनआईए जांच की मंजूरी दे दी. इसी मामले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की. बता दें कि अंकुश पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते भारत में होने वाली हेरोइन तस्करी में शामिल है.
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'नशे से देश की युवा पीढ़ी को गंभीर खतरा'
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस नागरत्ना ने युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि, 'ड्रग्स इस्तेमाल के सामाजिक और आर्थिक खतरों के साथ ही मानसिक खतरे भी हैं. इससे देश के युवा वर्ग की चमक खो सकती है.' पीठ ने युवाओं में बढ़ रही नशे की लत के खिलाफ तुरंत सामूहिक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया. इसी के साथ शीर्ष कोर्ट ने कहा कि माता-पिता, समाज और सरकारों से मिलकर इस समस्या के खिलाफ लड़ना चाहिए.
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तेजी से बढ़ रही नशे की लत
सुप्रीम कोर्ट ने देश के युवाओं में बढ़ रही नशे की लत पर चिंता जाहिर की. पीठ ने कहा कि, 'ड्रग्स का असर उम्र, जाति और धर्म से परे हैं और इसके पूरे समाज और व्यवस्था पर गंभीर परिणाम होते हैं.' जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि, 'ड्रग्स से होने वाली कमाई से ही आतंकवाद और समाज को अस्थिर करने के लिए फंडिंग की जाती है.'
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बंद होना चाहिए नशे का महिमामंडन- सुप्रीम कोर्ट
इसी के साथ पीठ ने समस्याओं से भागने वाले रवैये पर भी चिंता जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इस गंभीर खतरे के खिलाफ सभी को एकजुट होना पड़ेगा. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि खासकर युवाओं से इस चुनौती से निपटने के लिए कोशिश करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि, नशे के शिकार व्यक्ति के साथ सहानुभूति और प्यार से पेश आने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि ड्रग तस्करों की कमाई पर प्रहार करने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स का महिमामंडन बंद होना चाहिए. साथ ही इसके खतरों के प्रति युवाओं को जागरुक भी किया जाना चाहिए.