EPFO : 25 फरवरी को दिल्ली में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ की 112वीं कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में पेंशन भोगियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है. दरअसल, लंबे समय से पेंशनर्स ईपीएफओ के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे. अब खबरें आ रही है कि सरकार ईपीएफओ के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7500 करने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो लाखों पेंशनर्स को सीधा फायदा मिलेगा. दरअसल, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत वर्तमान में न्यूनतम पेंशन केवल 1000 है जो महंगाई के इस दौर में काफी कम है. पेंशनर्स लंबे समय से इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और सरकार पर दबाव भी बना रहे हैं.
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कर्मचारी संगठनों और पेंशनर्स एसोसिएशन की मांग
नए प्रस्ताव में विभिन्न कर्मचारी संगठनों और पेंशनर्स एसोसिएशन की मांग है कि ईपीएफओ के तहत न्यूनतम पेंशन 7500 की जाए. दूसरा ईपीएस 95 पेंशनर्स चाहते हैं कि सरकारी कर्मचारियों की तरह उन्हें भी डीए का लाभ मिले. फिलहाल सरकार इस मांग पर विचार कर रही है और जल्द ही इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है. बता दें सितंबर 2014 में केंद्र ने ईपीएफओ द्वारा शासित कर्मचारी पेंशन योजना यानी ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन राशि 1000 तय की थी. ईपीएफ के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12 फीसदी प्रोविडेंट फंड में जमा करते हैं जबकि नियोक्ता भी इतनी ही राशि का योगदान करते हैं.
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विचार विमर्श कर रही सरकार
नियोक्ता द्वारा किए गए इस योगदान में से 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है और 3.67 फीसदी ईपीएफ खाते में जमा होता है. सरकार फिलहाल इस पर विचार विमर्श कर रही है. हाल ही में हुई बैठकों में इसे लेकर सकारात्मक संदेश मिले हैं. बजट 2025 से पहले ईपीएस 95 सेवा निवृत कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7500 प्रति महीने करने के साथ ही महंगाई भत्ता यानी डीए को जोड़ने की मांग दोहराई. ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के मुताबिक वित्त मंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा. पिछले सात सालों से पेंशन भोगी लगातार अपनी पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं.