जानें कौन है मौलवी इरफान? जिसने डॉक्टरों को बनाया जिहादी, जैश के एक पोस्टर से खुल गया उसका राज

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली समेत देश के कई शहरों को दहलाने की साजिश रचने वाले के बारे में अब सुरक्षा एजेंसियों ने कई खुलासे किए हैं. इस पूरे टेरर मॉड्यूल के पीछे मौलवी इरफान का हाथ था. जिसने डॉक्टरों को जिदाही बनाया.

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली समेत देश के कई शहरों को दहलाने की साजिश रचने वाले के बारे में अब सुरक्षा एजेंसियों ने कई खुलासे किए हैं. इस पूरे टेरर मॉड्यूल के पीछे मौलवी इरफान का हाथ था. जिसने डॉक्टरों को जिदाही बनाया.

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Suhel Khan
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Delhi Red Fort Blast Maulvi Irfan

जानें कौन है मौलवी इरफान? जिसने रची थी डॉक्टरों के साथ देश के कई शहरों को दहलाने की साजिश Photograph: (Social Media)

Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में लाल किले के पास धमाके के बाद तमाम खुलासे हो रहे हैं. इस धमाके में फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुए हैं. इस आतंकी हमले की साजिश मौलवी इरफान अहमद ने रची थी. जो जम्मू-कश्मीर के शोपियां का रहने वाला है. मौलवी इरफान को ही इस साजिश का सरगना माना जा रहा है. जिसने पहले डॉक्टरों को अपना शागिर्द बनाया.

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उसके बाद उसने अपनी नापाक साजिश के तहत डॉक्टरों को आतंक की राहत पर ले आया. सूत्रों की मानें तो इस हमले के मास्टरमाइंड इरफान ने डॉक्टरों का ब्रेनवॉश किया और उसके बाद बड़ी आतंकी और खौफनाक साजिश का हिस्सा बना लिया. उसने अनंतनाग और पुलवामा के डॉ. आदिल अहमद और डॉ. उमर को अपने आतंकी नेटवर्क में शामिल किया. उसके बाद उसने डॉ. मुजम्मिल और शाहीन भी इस जिहादी मॉड्यूल में शामिल कर लिया.

जैश के पोस्टर लगने के बाद सामने आया था मौलवी का नाम

बता दें कि इससे पहले श्रीनगर में लगाए गए जैश ए मोहम्मद को पोस्टर के मामले में भी मौलवी इरफान अहमद का नाम सामने आया था. इस बात का खुलासा तब हुआ जब पोस्टर लगाने वाले की धरपकड़ शुरू हुई. तब मौलवी इरफान ने इसे लेकर राज उगला था. मौलवी इरफान श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ में शामिल था. जबकि डॉ.  उमर मोहम्मद नबी भी इसी कॉलेज में चिकित्सक था. यहीं से मौलवी इरफान ने दिल्ली समेत देश के कई शहरों को दहलाने की साजिश रचना शुरू कर दी. खुफिया सूत्रों के मुताबिक़, मौलवी इरफान अहमद ने मेडिकल छात्रों को कट्टरपंथ की राह पर चलने के उकसाया. जिसमें उसकी अहम भूमिका है.

ऐसे खुला मौलवी इरफान का राज

दरअसल, 16 अक्टूबर को श्रीनगर के आसपास के इलाकों में जैश ए मोहम्मद से जुड़े पोस्टर लगाए गए. उसके बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो ईं. उसके बाद पोस्टर से ही मौलवी इरफान अहमद और उसके शागिर्द आदिल अहमद के बारे में पता चला. उसके बाद उनके आतंकी साजिश की कड़ियां एक दूसरे चे जुड़ती चली गईं. उसके बाद अनंतनाग-पुलवामा में संदिग्धों की धरपकड़ शुरू हुई और सर्विलांस के जरिये डॉ. आदिल की गिरफ्तारी की गई. डॉ. आदिल के बैंक लॉकर से AK 47 रायफल बरामद की गई. जिसने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए. डॉ. आदिल ने ही फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल और उसके ठिकानों पर जमा विस्फोटकों के जखीरे का खुलासा किया था.

मौलवी इरफान का था टेरर मॉड्यूल के पीछे हाथ

सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे टेरर मॉड्यूल के पीछे मौलवी इरफान का ही दिमाग था. उसने जैश ए मोहम्मद से जुड़े वीडियो दिखाकर डॉक्टरों  को बरगलाता था. मौलवी इरफान VOIP कॉल के जरिये अफगानिस्तान में बैठे अपने आकाओं से संपर्क में भी रहता था. इरफान के इशारे पर ही डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर ने इस नेटवर्क को आगे बढ़ाना शुरू किया था. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली धमाके के बाद फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के बेनकाब होने के बाद घबराहट में डॉक्टर उमर ने धमाके को अंजाम दिया. लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन सईद इस आतंकी मॉड्यूल की फाइनेंसर बताई गई है.

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