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दिल्ली धमाके की जांच में हुए ये 5 बड़े खुलासे Photograph: (File)
दिल्ली में लाल किले के पास हुए i20 कार धमाके की जांच जारी है. इस बीच जांच एजेंसियों ने सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल को लेकर पांच बड़े खुलासे किए हैं. जो जैश के आतंकी मॉड्यूल के खूनी खेल की प्लानिंग को बता रहे हैं. इस आतंकी वारदात की प्लानिंग पाकिस्तान बैठे डॉक्टरों के आका कर रहे थे. लेकिन इससे पहले ही फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों के नापाक इरादे सबके सामने आ गए.
ड्रोन से हमला करने की थी प्लानिंग
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली धमाके की जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी हैंडलर लंबी दूरी तक मार करने वाले ड्रोनों में बारूद भरकर हमले की प्लानिंग बना रहे थे. इसके लिए वे ड्रोन की खेप भारत भेजने वाले थे. जांच में पता चला है कि आतंकियों ने 10 किलोग्राम तक वजन उठाने की क्षमता वाले ड्रोन से हमला करने की तैयारी की थी.
जिसके लिए वे ड्रोन को अलग-अलग पार्ट्स में भारत भेजने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन उससे पहले ही फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ हो गया. और आतंकियों का प्लान धरा का धरा रह गया. सूत्रों की मांने तो पाकिस्तानी हैंडलर किसी दूसरे देश से ड्रोन के पुर्जों को एक्सपोर्ट कंपनी के जरिए भेजने की योजना बना रहे थे.
7 साल पहले शुरू हुई थी सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की 'पाठशाला '
इसके साथ ही दिल्ली धमाके के सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल को लेकर खुलासा हुआ है कि डॉक्टरों ने सात साल पहले यानी 2019 में ही सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की 'पाठशाला' शुरू कर दी थी. साल 2019 में डॉक्टरों ने आतंक की राह पर चलना शुरू कर दिया था. जांच में पता चला है कि ये आतंकी डॉक्टर सीरिया जाना चाहते थे. सभी डॉक्टर सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ की पाठशाला से जुड़े हुए थे.
जांच में पता चला है कि इन डॉक्टरों को पाकिस्तान और दुनिया के अन्य हिस्सों में बैठे आतंकी ट्रेंड कर रहे थे. जिसके लिए वे सोशल मीडिया का सहारा ले रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल से जुड़े डॉ. मुजम्मिल गनई, डॉ. अदील राथर, डॉ. मुजफ्फर राथर और डॉ. उमर नबी ने शुरुआत में सीमा पार बैठे अपने आकाओं ने फेसबुक और एक्स के जरिए संपर्क किया था.
डॉ. शाहीन ने फरीदाबाद से बनवाया था पैन कार्ड
डॉ. शाहीन के पैन कार्ड और पासपोर्ट की जांच से एजेंसियों को पता चला है कि डॉ. शाहीन ने फरीदाबाद से पैन कार्ड बनवाया था. जबकि उसने अपने पासपोर्ट का रिन्यूबल कराने के लिए करीब छह महीने पहले दिल्ली कार्यालय में आवेदन भी किया था. इससे पहले डॉ. शाहीन ने लखनऊ पासपोर्ट ऑफिस से अपना पासपोर्ट रिन्यूबल कराया था.
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चार साल सऊदी अरब में रही डॉ. शाहीन
जांच में पता चला है कि डॉ. शाहीन ने सऊदी अरब के एक अस्पताल में करीब चार साल तक काम किया. उसके बाद वो भारत लौट आई. इसके बाद उसने नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किया था. उसके पुराने पैन कार्ड की जानकारी नहीं मिली है. जिसके चलते उसके बैंक खातों और निवेश के बारे में पता नहीं चला है.
धमाके से पहले मुरादाबाद गई थी डॉ. शाहीन
जांच एजेंसियों की जांच में इस बात का भी पता चला है कि दिल्ली में धमाके के से पहले डॉक्टर शाहीन मुरादाबाद गई थी. जहां वह एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुई थी. अब जांच एजेंसियां इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किसने कराया था. इस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल हुआ था.
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