National Health Mission: पिछले पांच साल में बच्चों की मृत्य दर में 75व फीसदी की गिरावट आई है. ये बात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा में पता चली है. दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में पिछले तीन साल की प्रगति की समीक्षा की है. जिसमें भरोसा जताया गया है कि 2030 से पहले सतत विकास के लक्ष्य (एसडीजी) को हासिल कर लिए जाएगा. कैबिनेट बैठक के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस मिशन ने स्वास्थ्य के ढांचे में ऐतिहासिक असर डाला है.
तीन साल में 12 लाख हेल्थकेयर वर्कर जुड़े
इसके साथ ही पिछले तीन सालों में 12 लाख हेल्थकेयर वर्कर इस मिशन से जुड़े हैं. बता दें कि ये मिशन कोरोना महामारी के प्रकोप से निपटने में भी काफी मददगार रहा है. सरकार की ओर से कहा गया कि पिछले तीन साल में शिशुओं और माताओं के स्वास्थ्य, बीमारियों के उन्मूलन, हेल्थकेयर के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्र में इस मिशन ने उल्लेखनीय असर डाला है.
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मातृ और शिशु मृत्यु दर में आई कमी
वहीं अगले दो साल में मिशन में और तेजी से काम किया जा रहा है. जिससे एसडीजी के लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर लिया जाए. बता दें कि 2021-22 से 2023-24 के बीच मिशन के क्रियान्वयन की समीक्षा के साथ ही जानकारी दी गई कि मातृ और शिशु मृत्यु दर में तेजी से कमी आई है.
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10 साल में इतनी कम हुई मातृ मृत्यु दर
वहीं 2014-15 के मुकाबले मातृ मृत्यु दर में भी 25 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है. वहीं पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु दर में 75 प्रतिशत तक की कमी आई है. यह वैश्विक स्थिति से भी काफी बेहतर है. इसी के आधार पर तीन कसौटियों-शिशु, नवजात और मातृ मृत्यु दर में एसडीजी लक्ष्य 2030 से पहले पूरा होने की उम्मीद है.
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