वक्फ संशोधन विधेयक का कैथोलिक बिशप्स के एक संगठन ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पुराने कानून के कुछ प्रावधान संविधान और देश के धर्मनिर्पेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार सही नहीं हैं. संगठन ने राजनीतिक दलों से निष्पक्ष और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है.
कैथोलिक बिशप कांफ्रेस ऑफ इंडिया (CBCI) ईसाई पादरियों का प्रमुख निकाय है. ये टिप्पणी ऐसे वक्त पर सामने आई है. जब सरकार संसद में वक्फ संधोशन बिल पेश करने वाली है. बता दें, केंद्र सरकार एक दिन बाद यानी बुधवार को संसद में वक्फ संशोधन बिल पेश करने वाली है. बिल को लेकर सरकार ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है.
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ईसाई पादरियों के संगठन का कहना है कि कुछ संगठन मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं. संगठन ने कहा कि केरल में वक्फ बोर्ड मे मुनम्बम क्षेत्र में रहने वाले 600 से अधिक परिवारों की पैतृक आवासीय संपत्तियों को वक्फ भूमि घोषित कर दिया. संगठन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में ये कानूनी विवाद में बदल गया. फैक्ट ये है कि सिर्फ कानूनी संंशोधन ही स्थाई समाधान दे सकती है. जन प्रतिनिधियों द्वारा इसे मान्यता दी जाए.
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सांसदों से की ये अपील
संगठन ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश किया जाएगा. इसलिए राजनीतिक दलों और सांसदों से अपील है कि वे मुद्दे पर निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाएं. भारतीय संविधान के सिद्धांतों का खंडन करने वाले किसी भी प्रावधान या कानून में संशोधन किया जाना चाहिए. धार्मिक अल्पसंख्यकों को संविधान ने जो अधिकार दिए हैं, उनकी रक्षा की जानी चाहिए.
केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल ने प्रदेश के सांसदों से आह्वान किया है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करें और मौजूदा वक्फ अधिनियम में ‘असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण प्रावधानों’ में संशोधन के पक्ष में मतदान करें. संगठन के बयान का केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू ने स्वागत किया है.
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