महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से लगातार लगाए जा रहे धांधली के आरोपों पर चुनाव आयोग के उच्च सूत्रों ने पहली बार सीधे शब्दों में प्रतिक्रिया दी है. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी बार-बार मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से सवाल खड़े कर रहे हैं. मगर अब तक उन्होंने चुनाव आयोग को एक भी औपचारिक पत्र नहीं लिखा है.
खुद आयोग को लिखने से परहेज कर रहे
एक बड़े शीर्ष सूत्र ने कहा, “यह वाकई हैरान करने वाली बात है कि राहुल गांधी बार-बार मीडिया के जरिए आयोग से जवाब मांग रहे हैं, लेकिन वे खुद आयोग को लिखने से परहेज कर रहे हैं. यदि उन्हें सच में कोई संदेह है तो उन्हें संवैधानिक प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग को पत्र लिखना चाहिए, न कि केवल प्रेस और लेखों के माध्यम से शंका प्रकट करनी चाहिए.”
एकतरफा राजनीतिक चाल लगती है
सूत्रों ने यह भी साफ किया कि चुनाव आयोग सभी दलों के सुझावों और आपत्तियों के लिए हमेशा तैयार रहता है, लेकिन संवाद का मंच मीडिया नहीं बल्कि संवैधानिक प्रक्रिया होनी चाहिए. उन्होंने यह भी जोड़ा कि बार-बार मीडिया में जाकर आरोप लगाने की रणनीति लोकतांत्रिक संवाद नहीं बल्कि एकतरफा राजनीतिक चाल लगती है. इससे पहले चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “तथ्यहीन” करार दिया था और कहा था कि इस तरह की बयानबाजी लोकतंत्र की संस्थाओं और चुनाव प्रक्रिया की साख को नुकसान पहुंचाती है.
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