Space Ki Duniya: अंतरिक्ष पर जाना और वहां रहकर काम करना, सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है लेकिन लंबे वक्त तक अंतरिक्ष में रहने के बाद एस्ट्रोनॉट्स के शरीर में जो बदलाव आते हैं, वे हैरान करने वाले हैं. लोग कहते हैं कि अंतरिक्ष पर लंबे वक्त तक रहने से एस्ट्रोनॉट्स का वजन कम हो जाता है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर स्पेस में लंबे वक्त तक रहने पर एस्ट्रोनॉट्स में क्या बदलाव आता है. आइये जानते हैं…
Space Ki Duniya: सूंघने में भी एस्ट्रॉनोट्स को होती है परेशानी
अंतरिक्ष एस्ट्रोनॉट्स को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उनमें से एक है, वजन का काम होना. स्पेस मोशन सिकनेस और भूख न लगने की वजह से एस्ट्रोनॉट्स का वजन कम होता है. अतंरिक्ष यात्री ऐसे माहौल में रहते हैं, जहां ग्रैविटी बिल्कुल भी नहीं होती है और खाने की खुशबू उनके नाक तक नहीं पहुंचती है. इंसान जब ढंग से सूंघ नहीं पाता तो स्वाद भी नहीं ले पाता और ऐसे में अतंरिक्ष यात्रियों को खाने का मन भी नहीं होता है. लेकिन स्वास्थ्य खराब न हो, इसलिए एस्ट्रॉनोट्स संतुलित आहार लेते हैं.
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Space Ki Duniya: हड्डियां भी कमजोर होने लगती है
स्पेस में ग्रेविटी कम होती है, जिससे हड्डियों और मांसपेशियों को शरीब का वजन नहीं उठाना पड़ता है. लंबे वक्त तक आसमान में रहने की वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती है. हड्डियों को तेजी से कमजोर होने से बचाने के लिए एस्ट्रोनॉट्स को हर रोज दो घंटे कसरत करनी होती है. जिससे अतंरिक्ष में हड्डियों का घनत्व कम होने की वजह से एस्ट्रॉनोट्स को कमजोरी महसूस ने हो.
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Space Ki Duniya: आंखों और दिल पर भी पड़ता है असर
स्पेस में एस्ट्रॉनोट्स के आखों, इम्यून सिस्टम और दिल की कार्यशैली पर असर देखने को मिलता है. स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स को स्पेशल तरीके से डाइट दी जाती है, जिससे तमाम परेशानियों के बावजूद एस्ट्रॉनोट्स के बॉडी पर असर न पड़े.