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File Photo (NN)
देश के मशहूर शिक्षा सुधारक और पर्यावरण वैज्ञानिक सोनम वांगचुक इन दिनों सुर्खियों में हैं. सोनम लंबे वक्त से प्रदर्शन कर रहें हैं. वे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. अब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोनम वांगचुक के समर्थन में खड़े हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जनता की आवाज को दबाया जा रहा है. लद्दाख के लोग कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि अपने संवैधानिक अधिकार और अपने सरकार चुनने की मांग कर रहे हैं.
केजरीवाल का कहना है कि भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए बलिदान दिया था. लेकिन आज उनके अधिकार छीनने की कोशिश हो रही है. लद्दाख की आवाज को अनसुना किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लद्दाख की जनता सिर्फ अपने अधिकारों के लिए बल्कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है. लद्दाख के लोगों की हिम्मत और एकजुटता से साफ होता है कि जनता जब तय कर लेती है तो सत्ता को झुका सकती है. लोकतंत्र तभी ज़िंदा रहेगा जब हर भारतीय लद्दाख के साथ खड़ा होगा. केजरीवाल का कहना है कि सोनम का जीवन भी प्रेरणादायी है.
सोनम वांगचुक भारत की एकता के समर्थक- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि सोनम ने 1988 में SECMOL की स्थापना की थी. उन्होंने शिक्षा सुधार की नई राह दिखाई. उन्होंने असफल छात्रों के लिए वैकल्पिक स्कूल खोले. जलवायु संकट से निपटने के लिए “आइस स्तूप” जैसी तकनीक विकसित की. धारा 370 हटाने का उन्होंने समर्थन किया. क्योंकि वे भारत की एकता के समर्थक हैं.
केजरीवाल बोले- हर एक भारतीयों को लद्दाख के साथ खड़ा होना चाहिए
अरविंद केजरीवाल सिर्फ राजीनिक नेता नहीं हैं, वे जनता की भावनाओं को समझने वाले नेता हैं. केजरीवाल ने साफ कहा कि ये लड़ाई सिर्फ सोनम वांगचुक की नहीं है. ये लड़ाई हर एक भारतीय के अधिकारों और लोकतंत्र की है. लद्दाख की आवाज दबाना पूरे देश के लोकतंत्र को कमजोर करना है. देश के हर एक नागरिकों का फर्ज है कि वे लड़ाई के साथ हों. लद्दाख की लड़ाई ही लोकतंत्र की असल लड़ाई है.