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Leh Protest (NN)
Leh Protest: लेह में हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया सामने आई है. गुरुवार को उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को लद्दाख के लोगों की मांग समझनी चाहिए. उनकी मांगों को पूरा करने के लिए लोगों से बात करना चाहिए.
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अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार से मैं कहना चाहता हूं कि लद्दाख एक सीमावर्ती क्षेत्र है. आसपास चीन मंडरा रहा है. इस मुद्दे को सरकार को जल्द से जल्द हल निकालना चाहिए. सरकार को बात करना चाहिए. मुद्दे का हल ढूंढना चाहिए. उनसे सवाल किया गया कि सोनम वांगचुक क्या इस हिंसक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार हैं तो उन्होंने कहा कि नहीं, वांगचुक इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं.
VIDEO | Srinagar: During a press conference, NC President Farooq Abdullah speaks on Leh violence, “Today, we are facing a very serious issue that has taken place in Ladakh, especially in Leh, where the youth have come out on the streets. The reason behind this is that they had… pic.twitter.com/QlbMtcVkNc
— Press Trust of India (@PTI_News) September 25, 2025
अब्दुल्ला ने कहा कि वांगचुक ने हर बार गांधीवादी तरीका अपनाया है. युवा उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं लेकिन वे इसके लिए जवाबदेह नहीं है. मैं भारत सरकार से कहना चाहता हूं कि वे बातचीत शुरू करे.
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मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि लद्दाख में आज जो भी हो रहा है, वह चिंताजनक है. देशभक्तों को लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए. भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने बलिदान इसलिए दिया था कि हर एक भारतीय को खुद की सरकार चुनने का मौका मिल पाए.
आज लद्दाख में जो हो रहा है, वो बेहद चिंताजनक है। हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 25, 2025
हमने अंग्रेज़ों से इसलिए आज़ादी थोड़ी ली थी कि जनता अंग्रेज़ों की बजाय बीजेपी की गुलाम बन जाए?
भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए अपना बलिदान…
एक दिन पहले राजनीतिक दल के दफ्तर में लगा दी थी आग
बता दें, एक दिन पहले लेह एपेक्स बॉडी ने बुधवार को बंद बुलाया था. बुधवार को दिन भर संघर्ष हुआ, जिसमें चार लोग मर गए. 80 से अधिक लोग घायल भी हो गए हैं. लोगों ने एक राजनीतिक दल का दफ्तर तक जला दिया था. संगठन लंबे वक्त से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है.