Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर के द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने समारोह को संबोधित भी किया. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि, "मैं चौथी बार कारगिल विजय दिवस के इस पवित्र उत्सव का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहा हूं. पूरा देश उन योद्धाओं के परिवारों को नमन करता है जिन्होंने अपने कर्तव्यों के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी."उन्होंने कहा कि, "कार्यक्रम में उपराज्यपाल, सीओ और केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति बताती है कि ये सिर्फ एक सैन्य कार्यक्रम नहीं है, बल्कि पूरे देश के लिए एक उत्सव है."
26वें कारगिल विजय दिवस के अवसर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि, "हम टाइगर हिल, तोलोलिंग और प्वाइंट 4875 के पास खड़े होकर योद्धाओं के संकल्प और वीरता को याद कर रहे हैं. हम उन लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी, जिससे हम शांति से रह सकें." जनरल द्विवेदी ने आगे कहा कि 1999 में भारत ने ऑपरेशन विजय के तहत एक अद्वितीय जीत हासिल की, ऊंची पहाड़ी चौकियों पर पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ दिया और वहां तिरंगा फहराया.
भारतीय सेना ने नाकाम किया पाकिस्तान का हमला- सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने कहा कि, अटूट भारतीय अखंडता की परंपरा को बनाए रखते हुए, सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए और निर्णायक जीत हासिल की, प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान के हिंसक हमलों को नाकाम कर दिया. हमने शांति का मौका दिया, लेकिन उन्होंने (पाकिस्तान) कायरतापूर्ण कार्रवाई की, जिसका हमने साहस के साथ जवाब दिया."
'भारत की संप्रभुता, अखंडता पर हमला करने वालों को दिया जाएगा करारा जवाब'
सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आगे कहा कि, "जो ताकतें भारत की संप्रभुता, अखंडता और लोगों को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रही हैं, उन्हें भविष्य में भी करारा जवाब दिया जाएगा, यह भारत का नया सामान्य है. हम एक विकसित, आधुनिक और भविष्यवादी शक्ति बनने की ओर अग्रसर हैं. एक नई ब्रिगेड की स्थापना की जा रही है और मैंने कल इसे मंजूरी दे दी है."
सेना प्रमुख ने कहा कि, इसमें मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयां, तोपखाने, रसद और लड़ाकू समर्थन के साथ विशेष बल जैसे लड़ाकू घटक होंगे. विशेष बल भी स्थापित किए गए हैं जो सीमा पर दुश्मन को झटका देने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे. इससे हमारी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. हम विकसित भारत 2047 के विजन को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. सेना लद्दाख जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों में भी योगदान दे रही है."
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