दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के बीच पंजाब में बढ़े पराली जलाने के मामले, दर्ज की गईं 300 से ज्यादा घटनाएं

Delhi-NCR Air Pollution: दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस बीच पंजाब में पराली जलाने के मामले भी बढ़ने लगे हैं. अब तक राज्य में 300 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.

Delhi-NCR Air Pollution: दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस बीच पंजाब में पराली जलाने के मामले भी बढ़ने लगे हैं. अब तक राज्य में 300 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.

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Suhel Khan
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जाब में बढ़े पराली जलाने के मामले Photograph: (ANI)

Delhi-NCR Air Pollution: एक तरफ जहां दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर के आसमान में धुंध छाई हुई है तो वहीं पंजाब में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी की हवा बेहद खराब हो गई. जिससे लोगों की सांसें फूलने लगीं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 दर्ज किया गया. जो 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा.

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इस दौरान आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 360, दिल्ली विश्वविद्यालय (363) और दिलशाद गार्डन (357) जैसे इलाकों में कई निगरानी केंद्रों ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर की सूचना मिली. बता दें कि सोमवार को दिवाली के दौरान आतिशबाजी, सर्दियों की स्थिर हवा और पड़ोसी राज्यों, खासकर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं के घातक मिश्रण के चलते दिल्ली एनसीआर के आसमान में अचानक से धुंधा छाने लगा.

पंजाब में खेतों में बढ़ी आग लगने की घटनाएं

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने 15 सितंबर से 19 अक्टूबर के बीच पराली जलाने के 308 मामले दर्ज किए, जो एक हफ्ते पहले 11 अक्टूबर को दर्ज किए गए 116 मामलों से काफी अधिक है. इस दौरान तरनतारन में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए. यहां 113 ऐसे मामले सामने आए हैं. जबकि अमृतसर में 104 मामले दर्ज किए गए हैं. जागरूकता अभियानों और सरकारी अपीलों के बावजूद, कई किसान समय की कमी और अपर्याप्त विकल्पों का हवाला देते हुए रबी की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करने के लिए लगातार पराली जला रहे हैं.

अब तक दर्ज की गईं 147 एफआईआर

पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पंजाब में सख्ती बरती जा रही है. जिसके चलते राज्य में अब तक भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत 147 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें तरनतारन में 61 और अमृतसर में 37 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसके साथ ही 6.5 लाख का पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही 4.7 लाख रुपये पहले ही वसूल किए जा चुके हैं. हालांकि पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्षों की तुलना में काफी कमी आई है. क्योंकि 2024 में पराली जलाने के कुल 10,909 मामले दर्ज किए गए थे. उससे पहले 2023 में इनकी संख्या 36,000 से ज़्यादा थी.

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