12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान ए1-171 कैंसिल हो गया था. उसके मलबे से 800 ग्राम के आसपास के आभूषण, 80 हजार के नकद, श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति और कुथ पासपोर्ट मिले हैं. ये सभी अभी सरकारी सुरक्षा में है. अब सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में है कि आखिर लाखों के सोने के गहनों का दावेदार कौन होगा.
भारतीय कानून के अनुसार, हादसा स्थल से बरामद मूल्यवान वस्तुओं का निपटारा कई तरीके से किया जा सकता है. वर्तमान, ये सोना वर्तमान में सरकारी सुरक्षा में रखा हुआ है. सोने का वास्तविक दावेदार के मिलने तक सरकार ही इसकी सुरक्षा करेगी. अगर कोई भी असल दावेदार नहीं मिलता है तो सरकार इन्हें सरकारी खजाने में जमा कर देगी.
क्या है इसकी असल प्रक्रिया
हादसे में बरामद सोना, नकदी सहित अन्य वस्तुओं को सरकारी कब्जे में रखा जाता है. इनको सुरक्षित रखने के लिए सरकारी खजाने या लॉकर में जमा कर देते हैं. मामले में गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने 15 जून 2025 को इसकी घोषणा की थी कि सभी बरामद वस्तुओं की पहचान की जाएगी और उन्हें मृतकों के रिश्तेदारों को सौंपा जाएगा.
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दावेदारों की कैसे होगी पहचान
हादसे में मारे गए लोगों के डीएनए और डॉक्यूमेंट्स की मदद से ही सोने के असल वारिस की पहचान की जाएगी. इसके अलावा, यात्रियों के समान जैसे- पासपोर्ट, टिकट और सामान की रसीद और परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर वस्तुओं की पहचान की जाएगाी. अगर सोने की खरीदी के दस्तावेज उपलब्ध हैं तो उन्हें पहचानना आसान हो जाएगा.
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अगर कोई दावेदार मिला ही नहीं तो…
अगर सोने सहित अन्य सामान के लिए किसी ने भी दावा नहीं किया तो ये वस्तुएं अनक्लेम्ड प्रोपर्टीज की श्रेणी में आती है. भारतीय कानून के अनुसार, सरकार ऐसी संपत्तियों को एक निश्चित समयसीमा के लिए अपने कब्जे में रखती है. तय समय सीमा अगर कोई व्यक्ति इसके लिए दावा नहीं करता है तो संपत्ति सरकार की हो जाएगी. निश्चित समय सीमा की बात करें तो ये करीब सात साल की होती है.