अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के बलैक बॉक्स को नुकसान पहुंचा है. सूत्रों की मानें तो डेटा रिकवरी की प्रक्रिया को रखने के लिए ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजा जा सकता है.
मामले में आखिरी निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा. अगर ब्लैक बॉक्स वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड को भेजा जाता है. इंडियन ऑफिसर्स की एक टीम भी साथ में अमेरिका जाएगी, जिससे इंटरनेशनल प्रोटोकॉल्स को फॉलो किया जा सके.
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क्या होता है 'ब्लैक बॉक्स'?
बता दें, ब्लैक बॉक्स असल में दो चीजों से मिलकर बनता है. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR). एक रिकॉर्डर पायलटों की बातचीत को दर्ज करता है. दूसरा विमान से जुड़े टेक्निल जानकारियों को इकट्ठा करता है.
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ब्लैक बॉक्स सुनकर ऐसा लगता है कि मानों ये एक काला डिब्बा होगा लेकिन असल में ऐसा नहीं है. ये एकदम अलग है. ब्लैक बॉक्स वास्तव में नारंगी रंग का होता है. ब्लैक बॉक्स बहुत मजबूत होता है. प्लेन के पिछले हिस्से में ये सुरक्षित रहता है. ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल फ्लाइट से जुड़े हादसों के लिए किया जाता है. बॉक्स में उड़ान की हर गतिविधि को स्टोर किया जाता है.
इसका निर्माण टाइटेनियम मेटल से होता है, जिससे ये सुरक्षित रहे. इसके अंदर की दीवारें हादसे के बावजूद सुरक्षित रहती हैं. हादसे के बाद इससे जानकारी मिलती है. करीब 1 घंटे तक 10 हजार डिग्री सेल्सियस तक का तापमान ये झेल सकता है. बिना लाइट के भी बॉक्स एक महीने तक काम कर सकता है.
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