विधानसभा चुनाव से बढ़ सकती है ममता बनर्जी की टेंशन, बंगाल की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में AIMIM; ये है वजह

पश्चिम बंगाल चुनाव में AIMIM भी चुनावी मैदान में उतार सकती है. टीएमसी और कांग्रेस को इससे नुकसान हो सकता है. यानी ममता बनर्जी की चुनाव से पहले चिंता बढ़ सकती है.

पश्चिम बंगाल चुनाव में AIMIM भी चुनावी मैदान में उतार सकती है. टीएमसी और कांग्रेस को इससे नुकसान हो सकता है. यानी ममता बनर्जी की चुनाव से पहले चिंता बढ़ सकती है.

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Jalaj Kumar Mishra
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AIMIM likely to contest in all assembly seats of West Bengal

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और भाजपा के बीच यहां कड़ा मुकाबला है. कांग्रेस भी दोनों दलों को टक्कर देगी. तीन मुख्य पार्टियों के बीच होने वाले चुनाव में अब ट्विस्ट आ गया है. कांग्रेस, भाजपा और टीएमसी को टक्कर देने के लिए असदुद्दीन ओवैसी भी मैदान में उतरने वाले हैं. ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन विधानसभा चुनावों में ताल थोकने की तैयारी में हैं. इसके लिए पार्टी की तैयारियां भी जोरों पर हैं. 

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उम्मीद है कि ओवैसी की पार्टी 294 में से कई सारी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. पार्टी फिलहाल बंगाल में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है. बता दें, एआईएमआईएम ने पिछले विधानसभा चुनावों में भी अपने सात उम्मीदवारों को उतारा था. मुस्लिम बहुल इलाकों में उम्मीदवारों को उतारने के बावजूद सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था. 

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ब्लॉक स्तर पर तैयारियां शुरू

एआईएमआईएम ने कहा कि मोहम्मद इमरान सोलंकी ने बताया कि साल 2023 में पंचायत चुनाव हुए थे. इन चुनावों में हमें सिर्फ मालदा और मुर्शिदाबाद से ही करीब डेढ़ लाख वोट मिले थे. अब यहीं से अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से हम लोग ग्राउंड पर काम कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों में हम हर एक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारें. ब्लॉक स्तर पर काफी पहले ही हमने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी थी. 

टेंशन में हैं ममता बनर्जी

ईद के बाद असदुद्धीन ओवैसी भी बंगाल में रैली करने वाले हैं. साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 27 फीसदी मुस्लिम हैं. मुस्लिमों का ज्यादातर वोट ममता बनर्जी की टीएमसी को जाता है. वहीं, मुस्लिम वोटर्स का कुछ तबका कांग्रेस को भी वोट करता है. ऐसे में अगर एआईएमआईएम बड़े पैमाने पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारती है तो साफ है कि टीएमसी और कांग्रेस को बड़ा नुकसान होगा. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी टेंशन में हैं. 

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