ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का आज 67वां स्थापना दिवस है. इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद स्थित सेंट्रल ऑफिस से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी. उन्होंने मौके पर मंदिर और मस्जिद विवाद पर भी अपना पक्ष रखा.
मंदिर-मस्जिद विवाद पर बात करते हुए ओवैसी ने कहा ये लोग चार सौ साल पहले तोड़े गए मंदिर की बात करते हैं. एक बार उनसे पूछिए कि शुंग वंश के राजा पुष्यमित्र शुंग आपके बड़े अब्बा थे या फिर नहीं. उन्होंने कई सारे बौद्ध मठों को तोड़ा था. आप उनको लेकर कोई फिल्म क्यों नहीं बनाते हैं. ओवैसी ने आगे कहा कि चोल वंश और पल्लव वंश के राजाओं ने भी अपने शासन काल में कई मंदिरों को तोड़ा था. चालुक्य काल में भी मंदिरों को तोड़ा गया था. इन सब पर भी आप फिल्में बनवाओ. मुगलों से मुझे क्या मतलब है. क्या मुगल मेरे अब्बा थे या फिर नाना. बादशाहों का कोई भी मजहब नहीं होता है.
'शिवाजी का जनरल मुस्लिम था'
छत्रपति शिवाजी के संबंध में उन्होेंने कहा कि शिवाजी से जुड़ी फिल्म को ये लोग बहुत प्रमोट कर रहे हैं. मराठाओं से आपको अगर इतनी ही मोहब्बत है तो आप उन्हें रिजर्वेशन दे दें. उन लोगों को ये तक नहीं पता कि शिवाजी के दादा को जब औलादें नहीं हो रही थीं तो वे आरके दरगाह गए थे. इसके बाद उन्हें दो औलादें मिलीं. शिवाजी के सेना के प्रमुख, नेवी का प्रमुख और वित्त मंत्री मुसलमान था. ऐसा ही मुगलों में था. मुगलों की फौज में शीर्ष पद पर हिंदू ही थे.
देश की आजादी की भाषा रही ऊर्दू
ओवैसी ने आगे कहा कि उर्दू देश की आजादी की भाषा रही है. सुभाष चंद्र बोस का नारा भी इत्तेहाद एतमाद और कुर्बानी था. ये उर्दू भाषा ही है.
कार्यक्रम में इन मुद्दों पर भी की बात
- केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक.
- यूनिफॉर्म सिविल कोड से देश कमजोर होगा.
- इंडिया-पाकिस्तान मैच के बाद महाराष्ट्र के एक मुसलमान की दुकान को तोड़ दिया जाता है.
- महाराष्ट्र में इंडिया-पाकिस्तान के मैच के बाद एक मुसलमान की दुकान तोड़ दी जाती है.