Congress Clash: कर्नाटक कांग्रेस में छिड़ा बवाल अभी थमा भी नहीं है कि अब एक और राज्य में पार्टी के नेता बगावत पर उतर आए है. यही नहीं उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में ये बगावती नेता दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. जहां वह पार्टी अध्यक्ष मल्किकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से अपनी शिकात कर सकें. बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में सीएम बदलने की मांग को लेकर पार्टी में संघर्ष शुरू हुआ था. हालात ऐसे हुए कि मामला पार्टी हाई कमान तक पहुंच गया. उसके बाद रणदीप सुरजेवाला को दिल्ली से कर्नाटक भेजा गया.
क्या था कर्नाटक में कांग्रेस का बवाल
दरअसल, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समर्थक एक विधायक ने दावा किया था कि पार्टी के 100 विधायक उनके साथ है. इसी के आधार पर उन्होंने राज्य में सत्ता परिवर्तन कर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की. हालांकि बाद में पार्टी हाईकमान ने स्थिति को संभाल लिया और कहा कि सिद्धारमैया ही पूरे पांच साल तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. कर्नाटक के बाद अब जम्मू-कश्मीर में पार्टी की मुसीबत बढ़ गई है.
अब जम्मू-कश्मीर में बढ़ी कांग्रेस की मुश्किल
दरअसल, अब जम्मू-कश्मीर में भी पार्टी के अंदर आंतरिक लड़ाई शुरू हो गई है. क्योंकि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के खिलाफ कई सीनियर नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. ये नेता अब उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं, बता दें कि तारिक हमीद कर्रा को राहुल गांधी की पसंद का नेता माना जाता है. बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सैयद नासिर हुसैन के श्रीनगर आने पर एक भोज का आयोजन किया गया था. जिसमें असंतुष्ट नेता नहीं पहुंचे थे. जो पार्टी के अंदर के मतभेद को बारे में इशारा कर रहा है.
इससे पता चलता है कि पार्टी के औपचारिक कार्यक्रम में भी कई नेता नहीं गए. इस बीत तारिक हमीद कर्रा के विरोधी करीब 20 बड़े नेताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है. इन नेताओं में पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी और सीनियर लीडर गुलाम नबी मोंगा भी शामिल हैं.
इसके साथ ही मनोहर लाल शर्मा और मोहम्मद अनवर भट्ट भी दिल्ली जाकर पार्टी हाईकमान से मुलाकात की कोशिश में हैं. हालांकि अभी तक मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की ओर से इन नेताओं को मुलाकात का समय नहीं दिया गया है. बगावती नेताओं का प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कहना है कि कर्रा सीनियर नेताओं को भाव नहीं दे रहे हैं. उन्हें पीडीपी से लाकर कांग्रेस नेतृत्व ने अहम जिम्मेदारी दी है. यही नहीं बगावती ये भी कह रहे हैं कि उन्हें कोई समझ नहीं है, क्योंकि वह पार्टी के मुद्दों से हटकर बात करते हैं. बता दें कि जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस को एक भी सीट न मिलने के बाद से तनाव चरम पर बना हुआ है.
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