Acharya Balkrishna Tips: अमरूद में छिपा है कई बीमारियों का इलाज, पेट से लेकर हार्ट तक को रखता है स्वस्थ

Patanjali Ayurveda Tips: आयुर्वेद में अमरूद को एक फल के साथ एक औषधि भी बताया गया है. जिसके सेवन से कई बीमारियों में राहत मिलती है. आचार्य बालकृष्ण ने अमरूद के सेवन के ऐसे ही कई उपाए बताए हैं.

Patanjali Ayurveda Tips: आयुर्वेद में अमरूद को एक फल के साथ एक औषधि भी बताया गया है. जिसके सेवन से कई बीमारियों में राहत मिलती है. आचार्य बालकृष्ण ने अमरूद के सेवन के ऐसे ही कई उपाए बताए हैं.

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Suhel Khan
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Acharya Balkrishna Tips

आचार्य बालकृष्ण Photograph: (Social Media)

Patanjali Ayurveda Tips: पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण आयुर्वेद से आसाध्य रोगों को भी पीड़ितों को छुटकारा दिलाने के नुस्खे बताते रहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने खाद्य पदार्थों के जरिए भी बीमारियों से निजात दिलाने के उपाय बताए हैं. यहां हम आपको अमरूद से होने वाले फायदे और उसने ठीक होने वाली बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसका जिक्र खुद पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने किया है.

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आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, अमरूद के सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से निजात मिल सकती हैं. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि आयुर्वेद में अमरूद को एक अमृत फल और दिव्य फल कहा गया है. जिसका सेवन शुगर के रोगी भी कर सकते हैं. किडनी रोगियों के लिए भी अमरूद का सेवन बेहद फायदेमंद होता है. 

इन बीमारियों में कारगर है अमरूद का सेवन

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, अमरूद का सेवन करना कई बीमारियों में लाभदायक है. इसीलिए इसे आयुर्वेद में त्रिदोष नाशक माना गया है. अमरुद पेट के लिए बहुत ही लाभकारी फल माना गया है ये बहुत ही गुणकारी फल है. पेट के रोगियों को अगर अमरुद का नियमित सेवन कराया जाए तो पाचन संबंधी परेशानियों के साथ गैस्ट्रिक ट्रबल है कब्ज में आराम मिलता है. अमरूद के सेवन से मन को प्रसन्न रहता है. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि अमरुद त्रिदेव को शक्ति भी देता है जिन लोगों का हार्ट यानी हृदय कमजोर हो या घबराहट या बहुत ही बेचैनी हो ऐसे लोगों को अमरुद का मुरब्बा बनाकर खिलाना चाहिए. अमरूद का मुरब्बा हृदय रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी हैं.

अमरूद के सेवन से मिलती है दिमाग को ताकत

इसके साथ ही अमरूद के सेवन से दिमाग को ताकत मिलती है. अमरूद का सेवन बहुत ही लाभकारी माना गया है और आयुर्वेद के अंदर इसको दाह नाशक कहा गया है. जिनके लोगों के हाथ पैरों में जलन रहती हो उन्हें नियमित रूप से अमरूद का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा कमजोरी महसूस होने पर अमरूद का सेवन करना भी ऊर्जा देता है.

आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि भोजन को हमेशा कम से कम 32 बार चबाकर खाना चाहिए. क्योंकि भगवान ने हमें 32 दांत दिए हैं, इसलिए दांतों का काम आंतों से नहीं लेना चाहिए. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि भोजन को हमेशा कम से कम 32 बार चबाकर खाना चाहिए. क्योंकि भगवान ने हमें 32 दांत दिए हैं, इसलिए दांतों का काम आंतों से नहीं लेना चाहिए.

खांसी की समस्या को दूर करता है भुना हुआ अमरूद

अमरूद का सेवन खांसी में भी फायदेमंद होता है. भुना हुआ अमरूद खाने से खांसी की समस्या से निजात मिलती है. आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, खांसी होने पर अधपके अमरूद को बीच से काट लें और नमक या सेंधा नमक डालकर उसे भून लें उसके बाद उसका सेवन करें. इसके सेवन से पुरानी से पुरानी खांसी की समस्या ठीक हो जाती है. इसके साथ ही भूने हुए अमरूद के सेवन से भूख न लगने की समस्या और लीवर डैमेज में भी लाभ होता है.

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