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मुंह में आ रही है ये दिक्कत, हो सकता है इस बीमारी का सिंप्टम

ये फैट, हाई BP, कम सोने, ज्यादा नशा करने और लाइफस्टाइल में सही चीजों को शामिल ना करने से होती है. अगर टाइम रहते ध्यान ना दिया जाए तो ये बॉडी के दूसरे ऑर्गन्स (organs) के लिए भी रिस्क बन जाती है.

Updated on: 18 Sep 2021, 02:31 PM

नई दिल्ली:

आज कल डायबिटीज (Diabetes) का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है. बॉडी में ब्लड शुगर (Blood sugar) की क्वांटिटी ज्यादा होने से भी डायबिटीज की बीमारी हो जाती है. ये भी दो तरीके की होती हैं. एक होती है टाइप 1, इसमें इंसान को डायबिटीज की बीमारी जेनिटिकली (genetically) होती है. और दूसरी होती है टाइप 2. ये फैट, हाई BP, कम सोने, ज्यादा नशा करने और लाइफस्टाइल में सही चीजों को शामिल ना करने से होती है. अगर टाइम रहते ध्यान ना दिया जाए तो ये बॉडी के दूसरे ऑर्गन्स (organs) के लिए भी रिस्क बन जाती है. तो आइए जरा आपको पहले ये बता देते हैं कि इस डिजीज (disease) के होने का पता कैसे चलता है.  

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टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) दोनों के कॉमन और शुरूआती सिंप्टम्स (symptoms) में से एक सूखा हुआ गला है. इसमें पेशेंट का मुंह जरूरत से ज्यादा सूखने लगता है और उसकी प्यास भी बढ़ती जाती है. हालात ऐसे हो जाते हैं कि वह एक बार में ही गले तक पूरा पानी पी लेता है.

वहीं दूसरा सिंप्टम बार-बार मुंह सूखना होता है. डायबिटीज के कारण लोगों को जीभ या मुंह में जलन होने जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है. कुछ लोगों को जीभ सुन्न होने के साथ-साथ मुंह में इचिंग (iching) का भी एहसास हो सकता है. यदि आपको भी इस तरह की दिक्कतों को फेस करना पड़ रहा है तो जरा सावधान हो जाइए. यह डायबिटीज का साइन हो सकता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें लें वरना बाद में पछताना पड़ेगा. 

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डायबिटीज की कंडीशन में इम्मयून सिस्टम (immune system) काफी धीरे काम करने लगता है. इसके अलावा हाई ब्लड शुगर का लेवल ट्रीटमेंट के प्रोसेस को भी अफेक्ट कर देता है. यदि आपके मुंह के छाले या जख्मों को ठीक होने में बहुत ज्यादा टाइम लग रहा है. तो यह भी डायबिटीज का सिंप्टम हो सकता है. इस कंडीशन में तुरंत बीमारी का इलाज होना बहुत जरूरी है. तो जितना जल्दी हो सके इसका चेक-अप करा लें. 

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डायबिटीज के पेशेंट्स में गम्स (gums) की बीमारी के चलते दांत खराब होने की प्रॉब्लम्स बढ़ जाती है. गम्स के चारों तरफ दांतों के बीच गैप आना शुरू हो जाता है. जिससे आसपास की पकड़ ढीली होने लगती है और दांत खराब हो जाते हैं. कई रीसर्च में ये पता चला है कि दूसरी बीमारियों से सफर कर रहे लोगों के कंपेरिजन में डायबिटीज के पेशेंट के दांत ज्यादा टूटने लगते हैं. ये रिस्क उन लोगों में ज्यादा हो जाता है जो बुजुर्ग होते हैं या जो ओरल हेल्थ (oral health) की देखभाल नहीं करते. गम्स पर आई सूजन या दांत में दर्द, आपके दांतों के खराब होने का भी एक सिंप्टम है.