ब्रेन हेमरेज की प्रॉब्लम से नहीं होना चाहते परेशान, इन बातों का रखें ध्यान

आज कल हाइपरटेंशन (hypertension) और स्मोकिंग (smoking) की वजह से ब्रेन हैमरेज के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. लेकिन ज्यादातर लोग अब भी इसकी सीरियसनेस से अनजान हैं.

आज कल हाइपरटेंशन (hypertension) और स्मोकिंग (smoking) की वजह से ब्रेन हैमरेज के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. लेकिन ज्यादातर लोग अब भी इसकी सीरियसनेस से अनजान हैं.

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Megha Jain
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Brain Hemorrhage

Brain Hemorrhage ( Photo Credit : News Nation)

दिमाग की किसी भी प्रॉब्लम का डायरेक्ट कनेक्शन पूरी बॉडी से होता है. ऐसे तो दिमाग से जुड़ी अनगिनत प्रॉबल्म्स होती है. उनमें से ही एक प्रॉब्लम ब्रेन हैमरेज है. ब्रेन हैमरेज किसी की उम्र पर डिपेंड नहीं करता. ये किसी भी उम्र के इंसान को हो सकता है. आज कल हाइपरटेंशन (hypertension) और स्मोकिंग (smoking) की वजह से ब्रेन हैमरेज के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. लेकिन ज्यादातर लोग अब भी इसकी सीरियसनेस से अनजान हैं. ट्रीटमेंट के बेहतर ऑप्शन्स मौजूद होने के बावजूद पेशेंट्स को टाइम पर सही ट्रीटमेंट ना मिलने से भी ये परेशानी हो रही है. तो आज हम आपको इसके सिंप्टम्स और इससे बचने के तरीके बताने जा रहें हैं. ताकि आप भी इससे सर्तक रहे.

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ब्रेन हैमरेज के सिंप्टम्स की बात करें तो आम तौर पर लोगों को अचानक से बॉडी में झुनझुनी, कमजोरी, सुन्न पड़ने जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है. इसके अलावा हाथों या पैरों में पैरालाइज की प्रॉब्लम को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसके चलते लोगों को चलने-फिरने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो कंडीशन इतनी सीरियस हो जाती है कि सफर कर रहा इंसान बेड की एक साइड से दूसरी साइड भी नहीं खिसक पाता है. इस प्रॉब्लम से सफर कर रहे लोगों के मुंह से शब्द भी साफ नहीं निकलते. उन्हें बातचीत के दौरान भी काभी दिक्कतों को फेस करना पड़ता है. क्योंकि ऐसे टाइम पर उनकी जुबान लड़खड़ाने लगती है. 

इसके दौरान बॉडी के किसी एक पार्ट में कमजोरी लगना. या देखने में दिक्कत होना. या फिर चलने-फिरने में परेशानी भी आ सकती है. सिंप्टम्स की टाइम पर पहचान करना सबसे जरूरी है. ऐसी कंडीशन में खास तौर से सावधानियां बरतनी चाहिए. 

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ये तो हो गई सिंप्टमस की बात लेकिन अगर वहीं बात इससे बचने की कि जाए तो सबसे पहले ये सिर से रिलेटिड होता है. तो सिर को किसी भी तरह की चोट से बचाकर रखना चाहिए. जिन लोगों को पहले भी ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक हो चुका है. तो उन्हें फ्यूचर में दूसरी बार भी इसका खतरा 25 परसेंट तक हो सकता है. इसलिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना और खान-पान बेहतर रखना बेहद जरूरी होता है. वहीं जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम होती है. उन्हें भी अपने ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जरूरी तरीके अपनाते रहना चाहिए. ब्रेन हेमरेज की कंडीशन में पेशेंट की बॉडी को जितना हो सके गर्म रखने की कोशिश करना चाहिए. ऐसे में पेशेंट की बॉडी पर कंबल डाल दें और चारों तरफ से कवर कर के रखें. इसके साथ ही पेशेंट के आसपास ज्यादा भीड़भाड़ ना होने दें. इससे पेशेंट को घबराहट हो सकती है. 

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ब्रेन हेमरेज की कंडीशन में पेशेंट को हॉस्पिटल ले जाने में देरी नहीं करनी चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इन सभी परेशानियों के उभरने के ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे के अंदर इलाज मिल जाना चाहिए. इससे मरीज के रिकवर होने के आसार काफी बढ़ जाते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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