logo-image

दुनिया में इस जगह सबसे पहले खाया गया था आलू, जानें इसको क्यों कहते हैं शैतान का सेब?

नवरात्रि में व्रतियों के सबसे पसंदीदा फलाहार बिना आलू के इस्तेमाल के नहीं बन पाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आलू भारत की सब्जी नहीं है और ये सिर्फ 500 साल पहले ही भारत आया है.

Updated on: 05 Apr 2022, 04:16 PM

New Delhi:

आलू भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पसंद किया जाने वाला सबसे ज्यादा पसंदीदा सब्जी है. हिंदुस्तान में लगभग हर घर में आलू की सब्जी ही बनती है. ऑफिस के बाद लोग घर जाकर आलू की सब्जी ही बनाते हैं. आलू से बहुत बनाया जा सकता है. नवरात्रि में व्रतियों के सबसे पसंदीदा फलाहार बिना आलू के इस्तेमाल के नहीं बन पाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आलू भारत की सब्जी नहीं है और ये सिर्फ 500 साल पहले ही भारत आया है, लेकिन इतने कम वक्त में ही आलू हर भारतीय लोगों के दिलों में अपनी जगह सबसे ऊपर कर चुका है. ज्यादा खाना बिना आलू के नहीं बनता है. इसे उबालकर या सेंककर खाना काफी फायदेमंद होता है.

यह भी पढ़ें- क्या आप भी सेब को उसकी चमक और रंगत देखकर खरीदते हैं ? तो आप इस खतरे के हैं ज्यादा करीब

एक सदी पहले, आलू से लगी एक बीमारी ने कुछ ही साल में आयरलैंड की आधी आबादी ख़त्म कर दी थी. आज चीन, भारत, रूस और यूक्रेन आलू के प्रमुख उत्पादक हैं. 8,000 साल पहले दक्षिण अमरीका के एंडीज में आलू की खेती शुरू की गई थी. भारत में आने से पहले भी आलू की पैदावार की जाती थी। यूरोप के साथ-साथ अमेरिका जैसी जगहों पर भी आलू होता था. वहीं, उस वक्त रूस में आलू को 'शैतान का सेब' कहा जाता था.

आलू कितना ज़रूरी?

चावल, गेहूं  के बाद आलू दुनिया की चौथी सबसे अहम फसल है. गैर-अनाजों में इसका पहला नंबर है. आज हर कोई आलू का प्रेमी है.
बाजार में आलू से बनी हज़ार चीज़ें हैं. 

आलू की क़ामयाबी के पीछे है इसकी पौष्टिकता, खेती में आसानी और ज़मीन में छिपे रहने की वजह से युद्ध में इसकी  सुरक्षा है. 

विटामिन ए और डी को छोड़कर आलू में सभी तरह के विटामिन और पोषक तत्व मिलते हैं. जीवन बचाने की जो ख़ूबी आलू में है वह किसी और फसल में नहीं.

छिलके वाले आलू के साथ दूध के कुछ उत्पादों को मिला दें तो एक पौष्टिक आहार  तैयार होता है. आलू के हर 100 ग्राम में दो ग्राम प्रोटीन होता है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. 

यह भी पढ़ें- क्या केला खाने से घटता है वजन ? जानें क्या है सच