रॉयटर्स का दावा- ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी कर रही आइवरमेक्टिन का परीक्षण

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें कई दवा पर रोक लगा दी गई हैं. सरकार ने कोरोना मरीजों को दी जाने वाली डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत कई दवाओं पर रोक लगा दी है. 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें कई दवा पर रोक लगा दी गई हैं. सरकार ने कोरोना मरीजों को दी जाने वाली डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत कई दवाओं पर रोक लगा दी है. 

author-image
Karm Raj Mishra
एडिट
New Update
Ivermectin

Ivermectin( Photo Credit : News Nation)

रॉयटर्स एजेंसी ने दावा किया है कि ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी (Oxford University) कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ आइवरमेक्टिन दवा (Ivermectin) का परीक्षण कर रही है. रॉयटर्स ने ये बात तब कही है जब आइवरमेक्टिन को कोरोना के इलाज में बैन कर दिया था. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा कि वह ब्रिटिश सरकार द्वारा समर्थित एक अध्ययन के हिस्से के रूप में COVID-19 के संभावित उपचार के रूप में परजीवी दवा इवरमेक्टिन का परीक्षण कर रहा था, जिसका उद्देश्य गैर-अस्पताल की सेटिंग में वसूली में सहायता करना है. Ivermectin के परिणामस्वरूप प्रयोगशाला अध्ययनों में वायरस प्रतिकृति में कमी आई है. 

Advertisment

ये भी पढ़ें- Corona Virus Live Updates: COVAXIN पर होने वाली बैठक में शामिल होगा भारत बायोटेक

विश्वविद्यालय ने कहा कि एक छोटे पायलट ने दिखाया कि दवा जल्दी देने से वायरल लोड और हल्के COVID-19 वाले कुछ रोगियों में लक्षणों की अवधि कम हो सकती है. विश्वविद्यालय ने कहा कि डब किए गए सिद्धांत, जनवरी में ब्रिटिश अध्ययन से पता चला है कि एंटीबायोटिक्स एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन आमतौर पर प्रारंभिक चरण के COVID-19 के खिलाफ अप्रभावी थे. परीक्षण के सह-प्रमुख अन्वेषक क्रिस बटलर ने कहा कि PRINCIPLE जैसे बड़े पैमाने के परीक्षण में ivermectin को शामिल करके, हम यह निर्धारित करने के लिए मजबूत सबूत उत्पन्न करने की उम्मीद करते हैं कि COVID-19 के खिलाफ उपचार कितना प्रभावी है, और क्या इसके उपयोग से जुड़े लाभ या हानि हैं.

WHO ने कोरोना के इलाज में आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल करने का सख्त विरोध किया था. जिसके बाद भारत में भी आइवरमेक्टिन दवा का उपयोग बंद हो गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें कई दवा पर रोक लगा दी गई हैं. सरकार ने कोरोना मरीजों को दी जाने वाली डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत कई दवाओं पर रोक लगा दी है. 

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने दी ओलंपिक दिवस की शुभकामनाएं, खिलाड़ियों को दिया ये संदेश

डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) ने नई गाइडलाइंस के तहत एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं सभी दवाओं को लिस्ट से हटा दिया है. गाइडलाइन में कहा गया है कि ऐसे संक्रमितों को दूसरे टेस्ट करवाने की जरूरत भी नहीं है. इससे पहले 27 मई को गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसमें हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंक और मल्टीविटामिन के इस्तेमाल की मनाही की गई थी. इसके अलावा एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए सीटी स्कैन जैसे गैर जरूरी टेस्ट लिखने से भी मना किया गया था.

HIGHLIGHTS

  • आइवरमेक्टिन का परीक्षण कर रही ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी- रॉयटर्स
  • WHO ने कोरोना के इलाज में आइवरमेक्टिन का विरोध किया है
  • दुनिया के तमाम देशों में आइवरमेक्टिन को बैन कर दिया गया है
आइवरमेक्टिन University of Oxford आइवरमेक्टिन कोरोना दवा आइवरमेक्टिन पर रोक Oxford University Ivermectin Ivermectin Medicine Ban Oxford University ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी आइवरमेक्टिन ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी Ivermectin Medicine
Advertisment