मानवों को वनमानुष से अलग करने वाले जीन की पहचान
शोधकर्ताओं ने दिमाग के विकास में शामिल तीन जीन की पहचान की है, जिनका करीब 30 लाख साल पहले दूसरे वनमानुषों से मानव बनने के विकास में तेजी से योगदान रहा है।
न्यूयॉर्क:
शोधकर्ताओं ने दिमाग के विकास में शामिल तीन जीन की पहचान की है, जिनका करीब 30 लाख साल पहले दूसरे वनमानुषों से मानव बनने के विकास में तेजी से योगदान रहा है। कैलिफोर्निया-सांताक्रुज यूनिवर्सिटी के डेविड हसलर ने कहा कि ये जीन हमें बताते हैं कि वनमानुष से हम क्यों अलग हैं।
उन्होंने एक पत्रिका 'सेल' में छपी अपनी रिपोर्ट में कहा, 'दूसरी प्रजातियों से हम कैसे अलग हैं! खुद को समझना, हजारों सालों से सवाल बना हुआ है। इन निष्कर्षो से पता चल सकेगा कि हम मानव कैसे बने।'
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वैज्ञानिकों के मुताबिक, करीब 65 लाख वर्ष पहले मानव और वनमानुष साझा पूर्वज से अलग हुए। कुछ लाख साल बाद मानव के दिमाग का आकार बड़ा होना शुरू हुआ।
आज मानव का नियोकार्टेक्स (दिमाग की र्झुीदार बाहरी परत जो मानव को सोचने, योजना बनाने और तर्क देने की क्षमता देती है) उस समय के वनमानुष की तुलना में तीनगुना बड़ी हो गई है। लेकिन शोधकर्ता अंतर के लिए सभी आनुवांशिक कारकों की पहचान नहीं कर सके हैं।
हसलर और उनका दल प्रयोगशाला में एम्ब्रियानिक दिमाग जैसी संरचना विकसित कर रहे हैं, जिससे मानव व रिसस बंदर के बीच अंतर को देख सकें।
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