युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है ये बीमारी, इन आम लक्षणों को न करें नज़र अंदाज़
आज हम आपको बताएंगे की कार्डियक अरेस्ट( Cardiac Arrest) के आम लक्षण क्या हैं, जिसको पहचान कर आप उनका इलाज करवा सकते हैं और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से बच सकते हैं.
New Delhi:
आज कल कार्डियक अरेस्ट ( cardiac arrest) की बीमारी ज्यादा सुनने को मिल रही है. युवा वर्ग से लेकर बुज़ुर्ग तक अगर देखा जाए तो युवा वर्ग में ज्यादा कार्डियक अरेस्ट नामक की बीमारी देखने को मिल रही है. आज कल 20 साल से 35 साल तक के लोगों में हार्ट अटैक ( Heart Attack) जैसी बीमारी देखि गई है. कार्डियक अरेस्ट ( cardiac arrest) के लक्षण आम नहीं होते. हालांकि पहचानना कभी कभी मुश्किल हो जाता है कि कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं. आज हम आपको बताएंगे की कार्डियक अरेस्ट के आम लक्षण क्या है जिसको पहचान कर आप उनका इलाज करवा सकते हैं और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से बच सकते हैं.
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जब इंसान को हार्ट अटैक होता है तो हार्ट की धमनियों में ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है. जब अटैक आता है तो व्यक्ति होश में रहता है. अगर उसे सांस लेने में किसी भी तरह का बदलाव महसूस होता है तो यह लक्षण हार्ट अटैक का होता है. कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक बीमारी है. कार्डियक अरेस्ट में हार्ट ब्लड सर्कुलेशन पूरी तरह से बंद होता है. इसमें व्यक्ति के कोमा में जाने और मरने की सम्भावना भी ज्यादा होती है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
धड़कने इस बीमारी में बढ़ कर 200 से 400 तक हो जाती है. ब्लड प्रेशर नीचे गिरने लगता है और दिल के फंक्शन काम करना धीरे धीरे बंद करदेते है. जिससे शरीर में ब्लड नहीं पहुंच पाता .
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कार्डियक अरेस्ट के कारण
शुगर, हाई ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल, स्मोकिंग, लेक ऑफ फ़ज़िकल एक्सरसाइज़, ओबेसिटी, खराब लाइफ़स्टाइल, तनाव कार्डियक अरेस्ट के कारण है.
इसके बचाव
-A1C शुगर कंट्रोल में रखना है
-ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखें
-डाइट अच्छी हो, मसाले और ऑयली फूड से दूर रहें
-एक्सरसाइज़ करें, नेगेटिव इमोशन से दूर रहें
-डिप्रेशन का शिकार न बने
अपनी लाइफस्टाइल को स्वस्थ रखें
इसका इलाज
-अगर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आया है, तो आपको सबसे पहले तो अस्पताल के नंबर पर पर फोन करके मदद मांगनी है.
-वहीं, आपको तुरंत मरीज को सीपीआर देना चाहिए. सीपीआर देकर भी मरीज की जान बचाई जा सकती है.
-सीपीआर देने के लिए आपको सबसे पहले मरीज की छाती पर 30 बार दबाव डालना है. अपने दोनों हाथों को एक साथ बांधें और व्यक्ति की छाती के बीच में रखें. आपको सीपीआर तब तक देते रहना है, जब तक आपके पास मेडिकल सहायता न आ जाए.
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