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देश की पहली mRNA बेस्ड कोरोना वैक्सीन को दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की मिली मंजूरी

जेनेवा के एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन विकास कार्यक्रम को आंशिक रूप से डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी CEPI के तहत पार्टली फण्ड किया गया था.

Updated on: 24 Aug 2021, 07:21 PM

highlights

  • HGCO19 एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल लगभग 10-15 जगहों पर किया जाएगा
  • तीसरे चरण में ये ट्रायल 22-27 जगहों पर किया जाएगा
  • सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कहा, ये हमारे स्वदेशी वैक्सीन विकास मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है

नई दिल्ली:

देश की पहली एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन पर काम कर रही पुणे स्थित बायो टेक्नोलॉजी कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को फेज 2 और 3 के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है. HGCO19 एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल लगभग 10-15 जगहों पर किया जाएगा. जबकि तीसरे चरण में ये ट्रायल 22-27 जगहों पर किया जाएगा. जेनेवा ने इस अध्ययन के लिए डीबीटी-आईसीएमआर क्लीनिकल ट्रायल नेटवर्क साइटों का उपयोग करने की योजना बनाई है. जेनेवा के एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन विकास कार्यक्रम को आंशिक रूप से डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी CEPI के तहत पार्टली फण्ड किया गया था. बाद में, DBT ने मिशन कोविड सुरक्षा- भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन के तहत कार्यक्रम का समर्थन किया, जिसे BIRAC द्वारा लागू किया गया था.

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वैक्सीन को दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिलने पर डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कहा, "ये बहुत गर्व की बात है कि देश का पहला एमआरएनए-आधारित टीका सुरक्षित पाया गया है और भारत के डीसीजीआई ने दूसरे और तीसरे चरण को मंजूरी दी है. हमें विश्वास है कि ये भारत और दुनिया दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण टीका होगा. ये हमारे स्वदेशी वैक्सीन विकास मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भारत को वैक्सीन विकास के वैश्विक मानचित्र पर स्थान देता है." कमेटी ने वैक्सीन के पहले चरण के अंतरिम नतीजों के एक डेटा की समीक्षा की और पाया कि वैक्सीन HGCO19 सुरक्षित और इम्युनोजेनिक है. जिसके बाद दूसरे और तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी गई है.

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साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (डीबीटी), कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग में इसके विकास और कार्यान्वयन के माध्यम से भारत में बायोटेक्नोलॉजी विकास को बढ़ावा देता है और बेहतर बनाने के लिए काम करता है. वहीं बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस कॉउन्सिल (BIRAC), एक नॉन प्रॉफिट पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज है जो डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, जो विकसित बायोटेक्नोलॉजी उद्योग को बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए एक इंटरफेस एजेंसी के रूप में कार्य करता है.