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रायनोवायरस बचा सकता है कोरोना के संक्रमण से, जानें इसके बारे में

सामान्य सर्दी-जुकाम वाले वायरस को रायनोवायरस कहा जा रहै है.  ये वायरस शरीर से कोरोनावायरस को दूर करने में मदद करता है. हालांकि अभी इस रिपोर्ट की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

Updated on: 26 Apr 2021, 12:09 PM

नई दिल्ली:

देशभर में महामारी कोरोनावायर से हर दिन हजारों मौतें हो रही है. वहीं संक्रित मरीजों का आंकड़ा लाखों पार कर चुका है. कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक साबित हो रही है. वहीं कोरोना में नया स्ट्रेन भी देखने को मिल रहा है, जो युवाओं और बच्चों को काफी प्रभावित कर रहा है. कोरोना के प्रभाव को रोकने के लिए कई रिपोर्ट्स सामने आ रहे हैं. इसमें एक रिपोर्ट काफी राहत भरी है. इसमें कहा जा रहा है कि कॉमन कोल्ड वाला वायरस कोरोना से लड़ने में काफी सहायक है. सामान्य सर्दी-जुकाम वाले वायरस को रायनोवायरस कहा जा रहै है.  ये वायरस शरीर से कोरोनावायरस को दूर करने में मदद करता है. हालांकि अभी इस रिपोर्ट की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

रायनोवायरस शरीर में घुस सके तो कोरोना वायरस का खतरा कुछ हद तक कम हो जाएगा. यानी वायरल लोड कम हो जाएगा. इससे होगा ये कि दवाओं की मदद से मरीज ठीक हो सकेगा और गंभीर हालत में पहुंचने का डर कम रहेगा. ये रिसर्च विज्ञान पत्रिका जर्नल ऑफ इन्फेक्शस डिजीज में प्रकाशित हुई.

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रिसर्च ग्लोसगो में सेंटर फॉर वायरस रिसर्च की टीम ने की. प्रयोग के दौरान एक कोशिकाओं समेत एक ढांचा तैयार किया गया, जो इंसान के श्वसन तंत्र की तर्ज पर काम करता है. इसमें सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार रायनोवायरस और कोरोना वायरस, दोनों को ही एक समय पर रिलीज किया गया. लेकिन प्रयोग के दौरान दिखा कि ढांचे पर रायनोवायरस का कब्जा हुआ, जबकि कोरोना वायरस से वो लगभग अप्रभावित रहा.

प्रयोग के दौरान निकलकर आया कि संक्रमण के शुरुआती 24 घंटों में अगर रायनोवायरस प्रवेश कर सके तो कोविड का डर लगभग नहीं के बराबर रहता है. इसके बाद भी अगर कोविड के वायरस हों तो रायनोवायरस उसे शरीर से बाहर खदेड़ देता है. यानी अगर सर्दी-जुकाम का वायरस शरीर में आए तो कोरोना का खतरा कम हो सकता है.

साल 2009 में जब यूरोपियन देश स्वाइन फ्लू से बुरी तरह कराह रहे थे, तब रायनोवायरस या सामान्य सर्दी-जुकाम का भी मौसम था. ऐसे में जिन लोगों को सर्दी-जुकाम हुआ, वे स्वाइन फ्लू से सुरक्षित रहे. इससे ये भी निष्कर्ष निकाला गया कि कोरोना वायरस उसी के शरीर में सक्रिय होता है, जिसके अंदर रायनोवायरस न हो.

इस बीच ये संदेह भी जताया जा रहा है कि जब मरीज में सर्दी-जुकाम ठीक हो जाए तो शायद उसपर कोरोना का हमला दोबारा हो सकता है. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि तब उसका इम्यून सिस्टम शांत पड़ा होगा. हालांकि वैज्ञानिक मान रहे हैं कि फिलहाल ऐसा कोई प्रयोग मास स्तर पर नहीं हो सकता क्योंकि इसके निश्चित प्रमाण नहीं मिल सके हैं. एक खतरा ये भी हो सकता है कि एक ही समय पर सर्दी और कोरोना दोनों फैलने पर लोग कोरोना को सर्दी मानते हुए हल्के में लें और रोग गंभीर अवस्था में पहुंच जाए.

रायनोवायरस की वजह से वायरस के कारण पैदा होने वाली मुश्किलें जैसे सर्दी, नाक बहना, हल्का बुखार या थकान, जैसे लक्षण लगभग एक हफ्ते के भीतर चले जाते हैं. लेकिन 25% मामलों में ये दो हफ्ते तक भी रह सकता है. इस वायरस के लिए कोई एंटीवायरस दवा नहीं है और आमतौर पर इसकी जरूरत भी नहीं होती है. इंसान का इम्यून सिस्टम ही इसे ठीक कर देता है, हालांकि लक्षणों में राहत के लिए कुछ दवाएं जरूर दी जाती हैं.

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वर्ल्डोमीटर के मुताबिक रविवार को एक दिन में कोरोना के रिकॉर्ड 3,54,531 नए मामले मिले. यह किसी एक देश में एक दिन में मिले नए कोरोना संक्रमितों की विश्वभर में सर्वाधिक संख्या है. इस दौरान संक्रमण से रिकॉर्ड 2,806 लोगों की मौत हो गई. देश में एक दिन में महामारी से जान गंवाने वालों की सर्वाधिक संख्या है. कई दिनों से नए मरीजों और मौतों की सर्वाधिक संख्या दर्ज की जा रही है. यह लगातार छठा दिन है जब नए संक्रमितों की संख्या तीन लाख से अधिक रही. इसके चलते संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1 करोड़ 73 लाख 4 हजार 308 पर पहुंच गए हैं, जबकि कुल मृतकों की संख्या 1 लाख 95 हजार 116 पर पहुंच गई है.

इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या 28 लाख के पार चली गई है. देश में कुल इलाजरत मरीज 28 लाख 7 हजार 333 हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.2 प्रतिशत है. वहीं, कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 82.6 प्रतिशत रह गई है. आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,42,96,640 हो गई है जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है.