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नेजल वैक्सीन से 99.99% खत्म होगा कोरोना वायरस, ऐसे करें इस्तेमाल

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी (Bharat Biotech) ने नेसल वैक्सीन (Nasal Corona Vaccine) का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है.

Updated on: 28 Apr 2021, 12:16 PM

highlights

  • नाक के रास्ते दी जाएगी कोरोना वैक्सीन
  • कोरोना वायरस को नेजल वैक्सीन रास्ते में ही खत्म कर देगी
  • भारत बायोटेक बना रही है नेजल कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. देश में इस महामारी (COVID-19) से हाहाकार मचा हुआ है. अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी (Beds and Oxygen Shortage) से लोगों के मरने की संख्या बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. हर तरफ आंसुओं का सैलाब है. लोगों में अपनों को खोने का गम है. हालांकि इस महामारी को हराने के लिए देश में वैक्सीनेशन का काम तेजी से जारी है. अब इस मिशन में एक और कामयाबी मिली है. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी (Bharat Biotech) ने नेसल वैक्सीन (Nasal Corona Vaccine) का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है.

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हिंदुस्तान सहित पूरी दुनिया में नेसल वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. यदि ट्रायल सही रहा तो दुनिया को कोरोना के खिलाफ एक और वैक्सीन मिल जाएगी. जानकारी के मुताबिक इस वैक्सीन को जरिए कोरोना वायरस को नाक के अंदर ही खत्म किया जा सकेगा. जिससे फेफड़ों में होने वाला इंफेक्शन नहीं होगा. इसे भारत बायोटेक कंपनी बना रही है. भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का नाम कोरो फ्लू रखा है. इस वैक्सीन के ट्रायल जनवरी में शुरू किए गए थे. 

भारत बायोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा इल्ला के मुताबिक नेजल वैक्सीन को एक ही बार देना होगा. क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री के मुताबिक 4 शहरों में 175 लोगों को ये वैक्सीन दी गई है. कुछ ही दिनों में इसके फेज वन ट्रायल के नतीजे आने हैं. अच्छी बात ये है कि ये वैक्सीन नाक के जरिए दी जाएगी और ये वायरस को रास्ते में ही मार देगी. डॉक्टरों के मुताबिक छोटे बच्चों को ये वैक्सीन को ये वैक्सीन देने में काफी आसानी होगी. 

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नेजल वैक्सीन के 5 फायदे

  • इंजेक्शन से छूटकारा.
  • नाक के अंदरूनी हिस्सों में इम्युन तैयार होने से सांस से संक्रमण का खतरा घटेगा.
  • इंजेक्शन से छुटकरा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं.
  • कम खतरा होने से बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की सुविधा संभव.
  • उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव.

भारत बायोटेक के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी. नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी. इसके लिए अरबों की सुईयों को जरूरत नहीं पड़ेगी. डॉक्टरों के मुताबिक इसके लिए किसी ट्रेनर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. इसे लोग सेल्फ भी ले सकेंगे. अब इसके नतीजे आने का इंतजार है. भारत में वैक्सीन के दो डोज को हर नागरिक तक पहुंचाने में काफी वक्त लग सकता है, ऐसे में ये वैक्सीन गेम चेंजर साबित हो सकती है.