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गर्मियों में पिएं मटके का पानी, पास नहीं आएंगी बीमारियां होंगे ये फायदे

मिट्टी के बर्तन में पानी वाष्पीकरण के सिद्धांत के माध्यम से प्राकृतिक रूप से ठंडा करता है. आयुर्वेद के अनुसार मिट्टी के घड़े में मृदा के गुण भी होते हैं जो पानी की अशुद्धियों को दूर करते हैं.

Updated on: 12 Jun 2021, 12:30 PM

highlights

  • मिट्टी का घड़ा पानी को शुद्ध कर देता है
  • प्लास्टिक के बर्तनों में पानी नहीं रखना चाहिए
  • घड़े का पानी पीने से हाजमा सही रहता है

नई दिल्ली:

भीषण गर्मी में ठंडे पानी की तलाश हर किसी को होती है. ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में पानी को ठंडा करने के लिए लोग घड़े (Clay Pot) का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि टेक्नोलॉजी के इस युग और शहरी परिवेश में हम अपनी पुरानी कई आदतों को छोड़ चुके हैं. जिनकी वजह से हमें नुकसान भी हुआ है. शहरों में अब लोग घड़ों को भूल चुके हैं. और पानी को ठंडा करने के लिए फ्रिज का इस्तेमाल करने लगे हैं. हालांकि ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग मिट्टी के बर्तन का उपयोग पानी पीने से लेकर खानपान के लिए भी किया जाता है. इसके कई स्वास्थ्य लाभ (Clay Pot Water Benefits) भी हैं. आज हम आपको घड़े का पानी पीने से क्या-क्या लाभ होता है उसके बारे में बताने वाले हैं.

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मिट्टी के बर्तन में पानी वाष्पीकरण के सिद्धांत के माध्यम से प्राकृतिक रूप से ठंडा करता है. घड़े में रखे पानी में जितना ज्यादा वाष्पीकरण होता है पानी उतना ही ज्यादा ठंडा होता है. यह सदियों पुरानी प्रथा न केवल कांच या अन्य कंटेनरों का एक पारंपरिक विकल्प है, बल्कि अपनाने के लिए एक स्वस्थ और चिकित्सीय विकल्प भी है. सेहत के नजरिये से मिट्टी के बर्तनों में रखा पानी पीना अच्‍छा होता है.

गले को रखता है ठीक

मिट्टी के बर्तन में रखा पानी गले के लिए अच्छा होता है. इसलिए सर्दी, खांसी और अस्थमा से पीड़ित लोगों को फ्रिज के ठंडे पानी के बजाय मटके का पानी पीना चाहिए, क्योंकि मटके का पानी गले के लिए बेहतर होता है. फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का ताप अचानक से गिर जाता है जिसके कारण गले का पकना और गले की ग्रंथियों में सूजन आने लगती है. 

इम्यूनिटी को बढ़ाता है

गर्मी होते ही हम लोग फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने लगते हैं लेकिन आप जानते हैं कि ज्यादा ठंडा पानी आपकी इम्यूनिटी घटाता है. मिट्टी के घड़े में पानी ठंडा करके पीने से इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहता है. घड़े में पानी स्‍टोर करने से शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरोन हार्मोन का स्‍तर बढ़ जाता है.

कब्ज नहीं होता है

आयुर्वेद के अनुसार मिट्टी के घड़े में मृदा के गुण भी होते हैं जो पानी की अशुद्धियों को दूर करते हैं और हमें लाभकारी मिनरल्स प्रदान करते हैं. फ्रिज के पानी की अपेक्षा यह अधिक फायदेमंद है क्योंकि इस पानी में मौजूद खनिजों के कारण पाचन में सुधार करने में भी मदद करता है. इसे पीने से हमें कब्ज होने जैसी समस्याएं नहीं होती हैं.

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कोई हानिकारक रसायन नहीं

प्लास्टिक की बोतलें केवल कुछ उपयोगों के लिए होती हैं और इनमें BPA जैसे जहरीले रसायन होते हैं. ऐसे में मिट्टी के बर्तनों में पानी रखना ज्‍यादा बेहतर है. क्योंकि यह न केवल पानी को समृद्ध करता है, बल्कि यह दूषित भी नहीं होता.

एनीमिया से छुटकारा दिलाता है

एनीमिया की बीमारी से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीना बेहद फायदेमंद है. मिट्टी में आयरन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. एनीमिया आयरन की कमी से होने वाली एक बीमारी है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News Nation इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञों से परामर्श जरूर कर लीजिए.)