दुनिया में 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन का डंका, ब्राजील का COVAXIN के लिए भारत बायोटेक से करार
भारत बायोटेक ने घोषणा करते हुए बताया कि उसने ब्राजील को कोवैक्सिन की आपूर्ति के लिए प्रीसिसा मेडिकमेन्टोस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस की वैक्सीन आने के बाद इसे लेकर दुनियाभर के देश सक्रिय हो गए हैं. इस महामारी निपटने के लिए विश्वभर के देशों ने कमर कसनी शुरू कर दी है. मेड इन इंडिया वैक्सीन का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. लेकिन इस डंके के शोर से ड्रैगन की नींद उड़ी है. पूरी दुनिया को यह पता है कि विनाश का ये वायरस चीन से ही निकला, लेकिन वैक्सीन बनाकर भारत उसका संहार करने में लगा है. इससे दुनिया का मेड इन इंडिया वैक्सीन पर विश्वास देखते ही बनता है. कोरोना वायरस की मार झेल रहे ब्राजील ने भारत के साथ वैक्सीन को लेकर करार किया है.
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भारत बायोटेक की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन ' कोवैक्सीन' को ब्राजील खरीदने जा रहा है. इसे लेकर भारत बायोटेक ने घोषणा करते हुए बताया कि उसने ब्राजील को कोवैक्सिन की आपूर्ति के लिए प्रीसिसा मेडिकमेन्टोस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. सूत्रों के मुताबिक, भारत बायोटेक की ओर से कोरोना वैक्सीन की 12 मिलियन डोज ब्राजील को जाएंगी. पब्लिक मार्केट में जरूरत के हिसाब से ब्राजील की सरकार के संज्ञान में वैक्सीन की सप्लाई होगी और प्राइवेट मार्केट में भारत में निर्मित इस वैक्सीन की सप्लाई ANVISA (ब्राजील की रेगुलेटरी अथॉरिटी) के मानकों के आधार पर होगी.
बीते दिनों प्रीसिसा मेडिकमेन्टोस की टीम की भारत बायोटेक कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात हुई थी. इस दौरान वैक्सीन के निर्यात करने की संभावनाओं के बारे में चर्चा की गई थी. प्रीसिसा मेडिकमेन्टोस के डायरेक्टर ने भारत बायोटेक की COVAXIN को काफी हद तक सुरक्षित बताया था. जिसके बाद ब्राजील की सरकार ने भारत में बनी वैक्सीन को लेकर दिलचस्पी दिखाई थी. दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के बाद ब्राजील ने भारत बायोटेक के साथ कोरोना वैक्सीन को लेकर करार किया.
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यहां सबसे अहम बात यह है कि ब्राजील में कोरोना वैक्सीन को लेकर चीन ने भी बातचीत की थी, मगर उसे चीन की वैक्सीन पर विश्वास नहीं है. उसकी वजह है - मेड इन चाइना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर जो नतीजे सामने आए हैं. चीन की सिनोवेक कंपनी की वैक्सीन कोरोनावैक के बारे में, जिसका ब्राजील में ट्रायल किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आधिकारिक डेटा के अनुसार चीनी कोरोना वैक्सीन ब्राजील में 50 फीसदी महज कारगर है.
जबकि, भारत के प्रोडक्ट्स और उनकी क्वालिटी को लेकर विश्व में कभी शंका नहीं रही है. उसी तरह पूरी दुनिया भी भारत की कोरोना वैक्सीन पर भरोसा कर रही है. बता दें कि कोरोना वायरस की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' भारत में ही बनी है. इसे भारत बायोटेक ने आईसीएमआर (ICMR), एनआईवी (NIV) के साथ मिलकर बनाया. हालांकि अगर भारत की बात करें तो इस वैक्सीन के ट्रायल को लेकर देश में विवाद खड़ा हुआ था, लेकिन वैज्ञानिकों ने लोगों की हर आशंका को दूर किया.
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