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कोरोना के बाद बढ़ते बर्ड फ्लू से ऐसे बचें, अंडे-चिकन पर बरतें सावधानी

उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा के प्रकोप की पुष्टि होने के साथ ही इससे प्रभावित राज्यों की कुल संख्या बढ़ कर 7 हो गई है.

Updated on: 10 Jan 2021, 01:48 PM

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण (Corona) के साये तले जी रहे भारत में अब बर्ड फ्लू ने अच्छी-खासी दहशत पैदा कर दी है. उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा के प्रकोप की पुष्टि होने के साथ ही इससे प्रभावित राज्यों की कुल संख्या बढ़ कर 7 हो गई है. उत्तर प्रदेश के अलावा जिन अन्य छह राज्यों में बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हुई है, उनमें केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात शामिल हैं. दिल्ली, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि अभी नहीं हुई है. इन स्थानों से लिए गए नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. हालांकि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट की मानें तो एच5एन1 के कारण संक्रमित लोगों में मृत्यु दर लगभग 60 प्रतिशत है. 

क्या होता है बर्ड फ्लू
एवियन इन्फ्लूएंजा या एवियन फ्लू को बर्ड फ्लू कहा जाता है बर्ड फ्लू पक्षियों से फैलने वाला रोग है. संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से यह रोग इंसानों को हो जाता है चाहे पक्षी मरा हो या जिंदा हो दोनो से ही रोग फैलने का खतरा रहता है. बर्ड फ्लू के लिए एच5एन1 वायरस जिम्मेदार होता है. संक्रमित पक्षी को खाने से भी यह रोग हो सकता है. यह एक खास तरह का श्वास रोग होता है यह रोग इतना खतरनाक होता है कि इससे संक्रमित व्यक्ति की जान भी जा सकती है. यानी इस बीमारी का मॉर्टालिटी रेट कोरोना वायरस से भी ज्यादा है. आइए आपको बताते हैं कि इससे बचने के लिए क्या करें और क्या न करें.

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पक्षियों के संपर्क में नहीं आएं
बर्ड फ्लू के वायरस यानी एच5एन1 के खतरे से बचने के लिए पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए. पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के संक्रमित होने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से भी ये बीमारी इंसानों में फैल सकती है.

साफ-सफाई का रखें ध्यान
छत पर रखी पानी की टंकियों, रेलिंग्स या पिजरों को साबुन से अच्छी तरह साफ करें. पक्षियों के मल या संबंधित जगह पर फैले पंख या कचरे को सावधानी से साफ करें. पक्षियों को खुले हाथों से न कपड़ें, उनसे निश्चित दूरी बनाकर रखें. एच5एन1 से संक्रमित पक्षी करीब 10 दिनों तक मल या लार के जरिए वायरस रिलीज कर सकता है.

कच्चा मांस न खाएं
दुकान से चिकन खरीदने के बाद उसे धोते वक्त हाथों पर ग्लव्स और मुंह पर मास्क जरूर पहनें. कच्चा मांस या अंडा भी किसी इंसान को संक्रमित कर सकता है. आप किसी दूषित सरफेस के माध्यम से भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए पोल्ट्री फार्म या दुकानों पर किसी चीज या सरफेस को छूने से बचें. किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को तुरंत सैनिटाइज करें.

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अच्छे से पकाकर खाएं
चिकन को करीब 100 डिग्री सेल्सियस की ताप पर पकाएं. कच्चा मांस या अंडा खाने की गलती न करें. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ये वायरस ताप के प्रति संवेदनशील है और पकाने के तापमान में नष्ट हो जाता है. कच्चे मांस या अंडों को खाने की दूसरी चीजों से अलग रखना चाहिए.

इनका भी रखें ख्याल
पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले लोगों से दूर रहें और प्रभावित इलाकों में जाने से बचें. हेल्थकेयर वर्कर्स के नजदीक न जाएं. घर में किसी संक्रमित व्यक्ति से भी निश्चित दूरी बनाकर रखें. खुले बाजारों में जाने से परहेज करें और साफ-सफाई और हाथ धोने जैसी बातों का खास ख्याल रखें.

एक्सरसाइज करने वाले रखें खान-पान का ध्यान
जिम जाने वाले लोगों को अक्सर आपने आधा उबला या हाफ फ्राइ अंडा खाते देखा होगा. बर्ड फ्लू से बचने के लिए इस आदत को तुरंत बदल दें. अधपका चिकन या अंडा खाने से ये बीमारी आपको चपेट में ले सकती है. चिकन शॉप या पोल्ट्री फार्म पर ऐसे मुर्गों का मांस खरीदने से बचें जो दिखने में कमजोर और बीमार लग रहे हों. साफ-सुथरा चिकन ही खरीदें.

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बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण आमतौर पर होने वाले फ्लू के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं. एच5एन1 इंफेक्शन की चपेट में आने पर आपको खांसी, डायरिया, रेस्पिरेटरी में परेशानी, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, नाक बहना या गले में खराश की समस्या हो सकती है.