logo-image

एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन : टीके से खून के थक्कों के जमने का सबूत नहीं

कई यूरोपीय देशों द्वारा एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के बाद अब कंपनी ने कहा है कि उनके वैक्सीन के कारण खून में थक्के जमने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

Updated on: 16 Mar 2021, 10:21 AM

लंदन:

कई यूरोपीय देशों द्वारा एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के बाद अब कंपनी ने कहा है कि उनके वैक्सीन के कारण खून में थक्के जमने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. स्वीडिश-ब्रिटिश फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई इस कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर खून का थक्का बनने की शिकायतों के मद्देनजर इसके इस्तेमाल पर कई देशों ने आर्थिक रूप से रोक लगा दी. कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है और कंपनी द्वारा अपने वैक्सीन की सुरक्षा पर लगातार निगरानी की जा रही है.

यह भी पढ़ें : कई रोगों का रामबाण इलाज है आंवला, इन समस्याओं में देता है जबरदस्त लाभ 

कंपनी ने आगे कहा, 'यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में टीकाकरण कराए गए 1.7 करोड़ से अधिक लोगों के सुरक्षा से संबंधित उपलब्ध सभी आंकड़ों की गहराई से समीक्षा की गई, जिसमें किसी भी आयु वर्ग और लिंग या किसी विशेष देश के निवासियों के फेफड़ों में खून का थक्का जमने, खून में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी के होने के खतरे का कोई सबूत नहीं मिला है.'

यह भी पढ़ें : बिना लक्षण वाले लोगों से भी होता है कोरोना संक्रमण फैलने का जोखिम! 

आपको बता दें कि जर्मनी, फ्रांस और इटली ने भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के उपयोग को निलंबित करने का फैसला लिया, क्योंकि कई यूरोपीय देशों में रक्त के थक्के जमने के मामले सामने आए थे. बीबीसी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की कि यह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को तत्काल प्रभाव से प्रशासित करना बंद कर देगा, बीबीसी ने बताया. स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन के हवाले से कहा गया कि इस फैसले की पृष्ठभूमि सेरेब्रल वेन थ्रोम्बोसिस के मामलों की नई रिपोर्ट से जुड़ी है, जो एस्ट्राजेनेका टीकाकरण से जुड़ी है.

यह भी पढ़ें : दिल्ली: एक बार फिर स्पीड पकड़ रहा है कोरोना वायरस, सता रहा नई लहर का डर

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि देश वैक्सीन को निलंबित कर रहा है, जब तक कि मंगलवार दोपहर यूरोपीय दवा एजेंसी (ईएमए) द्वारा नई सलाह नहीं दी जाती. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि टीके के कारण घटनाएं होती हैं.