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वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद संक्रमण होने का खतरा 3 गुना तक कम

ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने कहा, "हमारा वैक्सीनेशन अभियान रक्षा की एक दीवार खड़ी कर रहा है, जिसका मतलब है कि हम सावधानी से प्रतिबंध हटा सकते हैं. लेकिन क्योंकि हमें अब वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है

Updated on: 05 Aug 2021, 11:54 PM

highlights

  • स्टडी में सामने आया कि दोनों डोज ले चुके लोगों में संक्रमण होने का खतरा काफी कम
  • स्टडी में सामने आया कि देश में कोरोना संक्रमण 0.15% से चार गुना बढ़कर 0.63% हो गया
  • वैक्सीनेटेड लोगों से संक्रमण फैलने की गुंजाइश भी कम होती है

लंदन:

देश में चल रहे वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के बीच एक अच्छी स्टडी सामने आई है. लंदन के इंपीरियल कॉलेज और इप्सोस MORI ने ये स्टडी 24 जून से 12 जुलाई के बीच की थी. इसमें 98 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था. स्टडी में सामने आया कि दोनों डोज ले चुके लोगों में संक्रमण होने का खतरा काफी कम है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने कहा, "हमारा वैक्सीनेशन अभियान रक्षा की एक दीवार खड़ी कर रहा है, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है." उन्होंने लोगों से वैक्सीन लगाने की अपील भी की. इंग्लैंड में चल रही रियल टाइम असेसमेंट ऑफ कम्युनिटी ट्रांसमिशन (REACT-1) स्टडी में सामने आया कि देश में कोरोना संक्रमण 0.15% से चार गुना बढ़कर 0.63% हो गया है.

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PHE ने अनुमान लगाया है कि वैक्सीन की वजह से इंग्लैंड में 2.2 करोड़ संक्रमण के मामलों में कमी आई है. इसके अलावा 52,600 लोगों को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा और 35,200 से 60,000 मौतें तक कम हुईं. यूके के वैक्सीन मंत्री नदीम जहावी ने कहा, "ये स्टडी बताती है कि वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों में वैक्सीन नहीं लेने वालों की तुलना में संक्रमण होने का खतरा तीन गुना तक कम होता है और वैक्सीनेटेड लोगों से संक्रमण फैलने की गुंजाइश भी कम होती है." 

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ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने कहा, "हमारा वैक्सीनेशन अभियान रक्षा की एक दीवार खड़ी कर रहा है, जिसका मतलब है कि हम सावधानी से प्रतिबंध हटा सकते हैं. लेकिन क्योंकि हमें अब वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है." उन्होंने लोगों से वैक्सीन लगाने की अपील भी की. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) का डेटा बताता है कि उनकी वैक्सीन कोरोना के सभी वैरिएंट्स पर असरदार है. फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन 96% तक असरदार है, जबकि अगर ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन के दोनों डोज ली है तो अस्पताल में भर्ती होने के चांस 92% तक कम हो जाते हैं.