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तरबूज Photograph: (Freepik)
शरीर को ताजगी के लिए तरबूज खाया जाता है. वहीं इन दिनों बाजार में कई तरह के तरबूज मिल रहे हैं. जिससे कई तरह की बीमारी चल रही है. इसमें कैंसर भी शामिल है. खबरों के मुताबिक तरबूज में तरह-तरह के केमिकल्स मिल रहे हैं. वहीं अगर आप भी तरबूज खरीदने जा रहे हैं, तो इन बातों का खास ध्यान रखें. वरना आपका पूरा परिवार बीमार हो सकता है.
नकली तरबूज
अगर तरबूज का गूदा काफी लाल और चमकदार है, तो समझ जाएं कि तरबूज नकली है. अगर तरबूज काटने पर उसमें से झाग निकलने लगे, तो इसे खाने से बिल्कुल बचें. केमिकलयुक्त तरबूज का स्वाद थोड़ा अजीब सा लग सकता है. वहीं, छिलका ज्यादा चमकदार या अस्वाभाविक रूप से चिकना दिख रहा है, तो इसे बिल्कुल भी न खरीदें.
असली तरबूज
खाने से पहले तरबूज को ठंडे पानी में 30 मिनट तक भिगोकर रखें. बहुत चमकीले लाल रंग के तरबूज कभी न खरीदें. कटे हुए तरबूज खुले में न खरीदें, इसमें बैक्टीरिया भी हो सकते हैं. घर पर काटते समय ध्यान दें कि उसमें झाग या केमिकल गंध न हो.
तरबूज से कैसे हो सकते हैं बीमार
मार्केट में मिलने वाले तरबूजों को पकाने के लिए इथर, कार्बाइड या रंग जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये केमिकल्स शरीर में जाने पर कैंसर, लिवर डैमेज, किडनी की समस्या और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं. कुछ तरबूज विक्रेता गूदे को और अधिक लाल दिखाने के लिए आर्टिफिशियल कलर डालते हैं.
तरबूज में फंफूदी
ये कलर अगर खाद्य ग्रेड नहीं हैं, तो यह कैंसर का कारण बन सकते हैं. वहीं, अगर तरबूज लंबे समय तक रखा हो या ठीक से स्टोर न किया गया हो, तो उसमें फफूंदी लग सकती है. ये फफूंदी aflatoxins नामक टॉक्सिन उत्पन्न कर सकती है, जिससे लिवर कैंसर का खतरा रहता है.
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