मुंह में मौजूद बैक्टीरिया अगर लंबे टाइम तक सक्रिय रहते हैं तो वो शरीर में सूजन बढ़ाकर दिल के रोगों का खतरा भी बढ़ा सकते हैं. वहीं जब मसूड़ें बार-बार सूजते हैं, खून निकलता है या इनमें इंफेक्शन रहता है, तो यह बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम के जरिए शरीर में फैल सकते हैं. ये सूजन और इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स पैदा करते हैं. जिससे हार्ट अटैक जैसे जोखिम बढ़ सकते हैं. इसलिए अगर आप अपने दिल की सेहत को लेकर सजग हैं, तो आपको अपने दांतों और मसूड़ों की सफाई पर ध्यान देना चाहिए.
हार्ट और मसूडे का कनेक्शन
रिसर्च के मुताबिक हार्ट और मसूड़े का सीधा कनेक्शन नहीं है, लेकिन ये दोनों एक दूसरे से लिंक है. हालांकि यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि मसूड़ों की बीमारी सीधे कार्डियोवस्कुलर डिसीज से कनेक्ट है या फिर कॉमन रिस्क फैक्टर की वजह से दोनों बीमारियां होती है.
क्या है इसके लक्षण
जब भी आप ब्रश करते है और आपके मुंह से खून आता है, मसूड़ों में दर्द या सूजन, सांसों से दु्र्गंध, दांतों का हिलना या पीछे हटते मसूड़े. अगर आपको भी यह लक्षण दिख रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है.
हार्ट डिजीज का खतरा
जब मसूड़ों में बैक्टीरिया जमा होता है और समय रहते साफ नहीं किया जाता, तो यह क्रोनिक बैक्टीरियल इंफेक्शन में बदल सकता है. यह इंफेक्शन न सिर्फ मसूड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि शरीर में C-reactive protein (CRP) और अन्य सूजन बढ़ाने वाले तत्वों को सक्रिय करता है. ये सूजन सीधे दिल की धमनियों पर असर डालते हैं, जिससे ब्लॉकेज और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए दिल की सेहत को समझने के लिए मसूड़ों की जांच भी जरूरी है.
इस तरीके से रखें ख्याल
मसूड़ों की बीमारी से बचने के लिए आप दिन में दो बार ब्रश करें, फ्लॉस का इस्तेमाल करें और हर 6 महीने में डेंटल चेकअप कराएं. इसके अलावा आप तैलीय, मीठे और चिपचिपे खाने से बचें और पानी ज़्यादा पिएं.
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