मसूड़ों की बीमारी से बढ़ सकता है दिल की बीमारी का रिस्क, नजरअंदाज करने की ना करें गलती

हम में से ज्यादातर लोग मसूड़ों की हल्की सूजन या खून को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन लोगों को मसूड़ों की दिक्कत होती है उनमें दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है.

हम में से ज्यादातर लोग मसूड़ों की हल्की सूजन या खून को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन लोगों को मसूड़ों की दिक्कत होती है उनमें दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है.

author-image
Nidhi Sharma
एडिट
New Update
gum disease

gum disease Photograph: (Freepik)

मुंह में मौजूद बैक्टीरिया अगर लंबे टाइम तक सक्रिय रहते हैं तो वो शरीर में सूजन बढ़ाकर दिल के रोगों का खतरा भी बढ़ा सकते हैं. वहीं जब मसूड़ें बार-बार सूजते हैं, खून निकलता है या इनमें इंफेक्शन रहता है, तो यह बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम के जरिए शरीर में फैल सकते हैं. ये सूजन और इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स पैदा करते हैं. जिससे हार्ट अटैक जैसे जोखिम बढ़ सकते हैं. इसलिए अगर आप अपने दिल की सेहत को लेकर सजग हैं, तो आपको अपने दांतों और मसूड़ों की सफाई पर ध्यान देना चाहिए.

Advertisment

हार्ट और मसूडे का कनेक्शन

रिसर्च के मुताबिक हार्ट और मसूड़े का सीधा कनेक्शन नहीं है, लेकिन ये दोनों एक दूसरे से लिंक है. हालांकि यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि मसूड़ों की बीमारी सीधे कार्डियोवस्कुलर डिसीज से कनेक्ट है या फिर कॉमन रिस्क फैक्टर की वजह से दोनों बीमारियां होती है. 

क्या है इसके लक्षण

जब भी आप ब्रश करते है और आपके मुंह से खून आता है, मसूड़ों में दर्द या सूजन, सांसों से दु्र्गंध, दांतों का हिलना या पीछे हटते मसूड़े. अगर आपको भी यह लक्षण दिख रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. 

हार्ट डिजीज का खतरा

जब मसूड़ों में बैक्टीरिया जमा होता है और समय रहते साफ नहीं किया जाता, तो यह क्रोनिक बैक्टीरियल इंफेक्शन में बदल सकता है. यह इंफेक्शन न सिर्फ मसूड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि शरीर में C-reactive protein (CRP) और अन्य सूजन बढ़ाने वाले तत्वों को सक्रिय करता है. ये सूजन सीधे दिल की धमनियों पर असर डालते हैं, जिससे ब्लॉकेज और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए दिल की सेहत को समझने के लिए मसूड़ों की जांच भी जरूरी है.

इस तरीके से रखें ख्याल 

मसूड़ों की बीमारी से बचने के लिए आप दिन में दो बार ब्रश करें, फ्लॉस का इस्तेमाल करें और हर 6 महीने में डेंटल चेकअप कराएं. इसके अलावा आप तैलीय, मीठे और चिपचिपे खाने से बचें और पानी ज़्यादा पिएं. 

ये भी पढे़ं- Love Bite से प्यार जताने वाले हो जाएं सावधान, प्यार की निशानी से जा सकती है जान

ये भी पढे़ं- क्या प्रेग्नेंसी के लास्ट महीने में संबंध बनाने से होती है नॉर्मल डिलीवरी? जानिए Myth या Fact

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

health tips lifestyle News In Hindi amazing health tips gum diseases Gum disease and heart disease symptom
      
Advertisment