Reciprocal Tariff: अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं. राष्ट्रपति बनते ही वो एक्शन में आ गए हैं. ट्रंप अब अमेरिका के लिए नई पॉलीसीज़ बना रहें हैं जिसका असर भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिख रहा हैं. पद संभालते ही उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन सरकार के 78 फैसलों को भी रद्द कर दिया था. अब ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं. इस टैरिफ का असर भी भारत के साथ दुनियाभर के तमाम देशों पर पड़ने वाला हैं. ट्रंप के इस फैसले का असर एप्पल कंपनी और मेड-इन-इंडिया आईफोन पर पड़ने वाला हैं. हम यहां आपको इसकी जानकारी दे रहे हैं.
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क्या है रेसिप्रोकल (Reciprocal Tariff) टैरिफ?
रेसीप्रोकल टैरिफ को अगर सरल भाषा में समझें तो इसका मतलब है कि अमेरिका भी अब अन्य देशों से आने वाले प्रोडक्ट्स पर उतना ही टैरिफ लगाएगा जितना उन देशों में लगता हैं. मतलब कि भारत जितना टैरफ अमेरिका से आने वाले प्रोडक्ट्स पर लगाता था अब भारत से आने वाले प्रोडक्ट्स पर उतना ही टैरिफ लगाएगा जाएगा.
Apple पर क्या होगा इसका असर?
ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ का असर एप्पल कंपनी के आईफोन्स पर भी पड़ने वाला हैं. क्योंकि अभी तक भारत सरकार मोबाइल फोन पर 10 से 25 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी लगाती है. अब डोनाल्ड ट्रंप भी ऐसा ही करेंगे. जिसके बाद भारत में बने आईफोन्स जो कि ग्लोबल मार्केट और अमेरिका में एक्सपोर्ट होते हैं, उन पर भी 10 से 25 प्रतिशत का टैरिफ लगने वाला हैं.
इसके साथ ही ट्रंप ने चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. ऐसे में भारत में बने आईफोन चीन में बने मॉडल्स की तुलना महंगे हो जाएंगे. इसका सीधा सा असर मेड-इन-इंडिया आईफोन्स पर पड़ने वाला हैं. जिसके बाद से भारत में मैन्युफैक्चरिंग करना और फिर सामान को एक्सपोर्ट करना फायदे का सौदा नहीं रहेगा.
भारत में एप्पल का एक्सपोर्ट
आपको बता दें कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करने वाली सबसे बड़ी कंपनी एप्पल हैं. भारत के एक्सपोर्ट रेवेन्यू में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी एप्पल आईफोन की है. भारत में मैन्युफैक्चर आईफोन्स ग्लोबल मार्केट समेत अमेरिका में एक्सपोर्ट होते हैं. एप्पल के अलावा भारत में सैमसंग और मोटोरोला जैसे बड़े स्मार्टफोन ब्रांड भी अपने प्रोडक्ट्स तैयार कर उन्हें एक्सपोर्ट करते हैं. रेसिप्रोकल टैरिफ के बाद अब यह प्रोडक्ट्स अमेरिका में महंगे हो जाएंगे.
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