अलीगढ़ की सुप्रिया जोशी ने वो कर दिखाया जो हर संगीत प्रेमी का सपना होता है. उन्होंने यूके की संसद में बैठकर भारतीय शास्त्रीय संगीत की धुन छेड़ी और वहां मौजूद हर शख्स मंत्रमुग्ध रह गया. ये परफॉर्मेंस केवल संगीत का नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व था.
कौन हैं सुप्रिया जोशी?
सुप्रिया जोशी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर की रहने वाली हैं. वह भारतीय संगीत में गहरी पकड़ रखती हैं. वे पिछले कई सालों से देश-विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन कर रही हैं. सुप्रिया का मानना है कि भारतीय संगीत में आत्मा बसती है और वह सीमाओं से परे जाकर दिलों को जोड़ता है.
ब्रिटेन की संसद में परफॉर्म करने का मौका
यह खास अवसर उन्हें UK में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मिला, जहां भारत और ब्रिटेन के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में यह आयोजन किया गया था. सुप्रिया ने मंच पर भारतीय शास्त्रीय राग छेड़े और उनके साथ तबले और सितार पर संगत भी हुई.
विदेशी मेहमान भी रह गए हैरान
जब सुप्रिया ने अपना गायन शुरू किया, तो ब्रिटेन की संसद में मौजूद सांसदों और अतिथियों ने तालियों से उनका स्वागत किया. परफॉर्मेंस के बाद कई विदेशी मेहमान खुद आगे आकर सुप्रिया की तारीफ करते नजर आए. उन्होंने कहा कि सुप्रिया की आवाज भारतीय संगीत की आत्मा तक पहुंचती है और यह अनुभव उनके लिए अविस्मरणीय रहा.
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अलीगढ़ का नाम किया रोशन
इस उपलब्धि से अलीगढ़ शहर गर्वित महसूस कर रहा है. सुप्रिया ने एक छोटे शहर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी जगह बनाई और बता दिया कि अगर हिम्मत हो तो कोई भी मंच बड़ा नहीं होता. अलीगढ़ के लोग उन्हें 'सुरों की रानी' कहने लगे हैं.
भविष्य की तैयारी में जुटीं सुप्रिया
अब जब सुप्रिया को यूके पार्लियामेंट जैसे मंच पर परफॉर्म करने का मौका मिला है, तो वे इससे और भी उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि वह आने वाले समय में भारतीय संगीत को और देशों तक ले जाने का सपना देखती हैं और इस दिशा में काम कर रही हैं.
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