हाल ही में मनोज मुंतशिर ने एक इंटरव्यू दिया है. जिसमें उन्होंने अपने ह्यूमर का परिचय दिया है. उन्होंने बताया कि वो वैलेंटाइन डे नहीं मनाते है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें मुंबई के बड़े-बड़े नामों का हवाला देकर भी डराया गया था. इसके साथ ही उन्होंने एक इच्छा भी जताई है.
वैलेंटाइन डे के लिए कही ये बात
उन्होंने मजाकिया अंदाज में वैलेंटाइन डे से वैसे ही रिश्ता है जैसा कि डोनाल्ड ट्रंप का नागपंचमी से है. हमारे लिए तो महाकुंभ है, उसी का चलन है. मनोज ने नए लोगों को उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मुंबई में बहुत डराते हैं, डरना नहीं है. अपना काम करते रहना है. मैं 1999 में मुंबई गया था, तो मैं बताता हूं कि लोग डराते बहुत हैं.
'हम बकैती पर आ गए न बाबू'
एक बात बहुत सुनने को मिलती था, आज भी मिलती है कि भई बंबई में तो बहुत बड़े-बड़े नाम चलते हैं, बहुत टाइट ग्रुप्स चलते हैं. नेपोटिज्म के आकाओं से कहना चाहता हूं, सुनो बड़के नाम बड़के शहर वालों, हम बकैती पर आ गए न बाबू अच्छे अच्छों का पसीना छूट जाता है. तुम्हारे जौहरी हमको अदाकार नहीं मानेंगे हम कर के दिखाएंगे. बाप के कंधे पर बंदूक रखकर तो हमने चिड़िया तक नहीं मारी.
मनोज की चाह
एक बच्ची को सवाल करता देख मनोज ने अपने दिल की बात कही, उन्होंने बताया कि वो भी एक बेटी चाहते हैं. मनोज बोले- बेटियां किस्मत से होती हैं. मैं पूरी जिंदगी तरसता रह गया कि मेरी भी बेटी हो. मैं हमेशा से चाहता था कि मेरी भी एक बेटी हो. बड़ा सुंदर सा बेटा है एक मेरा लेकिन बेटी की कमी आज भी खटकती है. आप बड़े भाग्यशाली हैं.
ये भी पढ़ें- अपने ही गुरु की पत्नी से प्यार कर बैठे थे ये सिंगर, भागकर रचाई थी शादी
ये भी पढ़ें- कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी का लखनऊ में शो हुआ रद्द, मिली थी विरोध की धमकी