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'नरसंहार को कवर करने से डरने वाले इस फिल्म को बदनाम कर रहे' : विवेक अग्निहोत्री

फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने विकिपीडिया पर अपनी फिल्म को मनगढ़ंत बताए जाने पर निशाना साधा था

Updated on: 05 May 2022, 05:17 PM

नई दिल्ली:

फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) साल 2022 की सबसे सक्सेसफुल फिल्म साबित हुई है. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों अपने नाम किए हैं. फिल्म को लेकर कुछ इसके सपोर्ट में थे तो वही कुछ ने इसके लिए तरह-तरह की बातें की. हाल ही में फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने विकिपीडिया पर अपनी फिल्म को मनगढ़ंत बताए जाने पर निशाना साधा था. वहीं अब विवेक ने उनके खिलाफ मीडिया में चलाए जा रहे हेट कैंपेन पर अपनी बात एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में रखी हैं.

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विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने आज दिल्ली के जनपथ स्थित होटल Le MERIDIEN में इस कॉन्फ्रेंस को रखा जहां उनसे पत्रकारों ने सवाल किए. इस दौरान विवेक अग्निहोत्री ने अपनी बात रखी. विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि जब से फिल्म रिलीज हुई है, लगभग तीन हफ्ते बाद, बहुत सारे विदेशी संवाददाता मुझसे बात करना चाहते थे. मेरे पास यह मानने के कारण हैं कि एजेंडा संचालित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया घराने लोकतंत्र के लिए खतरा हैं.

 
 
 
 
 
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विवेक ने कहा कि नरसंहार से इनकार करने वालों ने फिल्म को "काल्पनिक" कहानी में बदलने वाले विकिपीडिया पेज के साथ भी छेड़छाड़ की है. अंतरराष्ट्रीय दुनिया में भारत की छवि खराब करने वाले इन सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने मुझे फोन करना शुरू कर दिया और उनके पास केवल दो शब्द थे हिंदू और मुस्लिम. उन्होंने कभी पीड़ितों के बारे में बात नहीं की, उन्होंने मुझे कभी भी पीड़ितों में से किसी एक का साक्षात्कार करने के लिए नहीं कहा. उनके पास सिर्फ मोदी और मुसलमान थे.

विवेक ने इस फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा कि जो लोग नरसंहार को कवर करने से डरते थे, वही इस फिल्म को बदनाम कर रहे हैं. इन सभी तथाकथित नरसंहार से इनकार करने वालों को पीड़ितों की गवाही दर्ज करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा बिल्कुल नहीं किया. वे हमें इस्लामोफोबिया के लिए दोषी ठहराते हैं. हमारे खिलाफ दूसरा सबसे बड़ा आरोप यह है कि यह फिल्म भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है. अगर आप आतंकवाद को सही ठहराते हैं तो आप मसीहा हैं लेकिन अगर आप इस पर सवाल उठाते हैं, तो आप इस्लामोफोबिक हैं. जो बात मुझे उम्मीद देती है वह यह है कि 100 कश्मीरी मुस्लिम लड़कियां और लड़के इस फिल्म के बारे में वास्तव में अच्छा लिख ​​रहे हैं.