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पंजाबी बाग में होगा 'भीम' का रोल निभाने वाले Praveen Kumar का अंतिम संस्कार

बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने डायरेक्टर बी आर चोपड़ा के निर्देशन में बना शो 'महाभारत' काफी पसंद किया जाता है. इस बीच खबर आ रही है कि 'भीम' का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार का निधन हो गया है. उनका अंतिम संस्कार पंजाबी बाग में किया जाएगा.

Updated on: 08 Feb 2022, 12:35 PM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बी आर चोपड़ा (B R Chopra) के निर्देशन में बना मशहूर टीवी सीरियल 'महाभारत' (Mahabharat) आज भी उतना ही पसंद किया जाता है, जितना की पहले. लोग आज भी 'महाभारत' (Mahabharat) को उतने ही क्रेज के साथ देखते हैं. महाभारत की इतनी लोकप्रियता के पीछे इसके एक-एक किरदार का हाथ है. जिन्होंने शो में जान डाल दी. लेकिन आज महाभारत की पूरी टीम और उनके चाहनेवालों के लिए काफी दुख भरी खबर सामने आई है. दरअसल, शो में 'भीम' का किरदार निभाने वाले मशहूर एक्टर प्रवीण कुमार सोबती (Praveen Kumar Sobati) इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं. ये खबर सुनकर सभी की आंखें नम हैं. ऐसे में आज हम उनकी याद में आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातों के बारे में बताने वाले हैं. जिनके बारे में आपको शायद ही पता होगा. लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि हाल ही में खबर आई है कि दिल्ली के पंजाबी बाग में स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

'महाभारत' में भीम के किरदार से मशहूर हुए प्रवीण कुमार पंजाब के तरन-तारन के छोटे से टाउन सरहाली से आते हैं. उन्होंने चंडीगढ़ के खालसा कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की. प्रवीण एक एक्टर होने के साथ-साथ डिस्कस थ्रोवर भी थे. यहां तक कि उन्होंने एशियन गेम्स में 4 मेडल भी अपने नाम किए थे. जिनमें दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल शामिल है. इसके अलावा प्रवीण सीमा सुरक्षा बल में डिप्टी कमांडेंट भी रह चुके थे. 

अगर हम उनकी उपलब्धियों की बात डिटेल में करें तो प्रवीण कुमार 1960-70 में स्टार भारतीय एथलीट हुआ करते थे. एक्टर को सन् 1966 में हैमर थ्रो में गोल्ड मेडल मिला था. उन्होंने 1970 में भी गोल्ड मेडल हासिल किया. फिर 1974 में हुए एशियन गेम्स में प्रवीण ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. उन्होंने 1968 और 1972 में होने वाले समर ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया. प्रवीण के बेहतरीन खेल प्रदर्शन से उन्हें बीएसएफ में डिप्टी कमाडेंट का पद मिला. लेकिन प्रवीण की किस्मत उन्हें घुमा-फिराकर एक्टिंग की दुनिया में ले ही आई. दरअसल, हुआ यूं कि 1986 में प्रवीण के एक दोस्त ने उन्हें बताया कि डायरेक्टर बी आर चोपड़ा 'महाभारत' बना रहे हैं और इसके लिए उन्हें एक ऐसे हट्टे-कट्टे इंसान की तलाश है, जो भीम का किरदार अदा कर सकें. फिर क्या था प्रवीण भी उनसे जाकर मिलने के लिए तैयार हो गए. जहां बी आर चोपड़ा के साथ एक ही मुलाकात में उन्हें इस किरदार के लिए चुन लिया गया. आपको बता दें कि 'महाभारत' से पहले प्रवीण करीब 30 फिल्मों में काम कर चुके थे. लेकिन उन्हें 'महाभारत' से घर-घर में पहचान मिली.

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बता दें कि उन्होंने सन् 1981 में आई फिल्म 'रक्षा' से फिल्म की दुनिया में कदम रखा. जिसके बाद उसी साल उनकी फिल्म 'मेरी आवाज सुनो' आई. इन दोनों ही फिल्मों में प्रवीण ने जितेंद्र के साथ स्क्रीन शेयर किया. जिसके बाद उन्होंने करीब 28 और फिल्में की. लेकिन वो फेम नहीं मिला. इस बीच उन्हें 'महाभारत' में भीम का किरदार मिल गया. जिसमें उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग की. उनकी लाजवाब एक्टिंग ने लोगों के दिलों पर इस कदर छाप छोड़ी कि लोग उनके दर्शन के लिए आने लगे. यहां तक कि लोग लाइन लगाकर उनके पैर छूने के लिए आने लगे. उन्हें लोगों की तरफ से काफी सम्मान मिला. हालांकि, उन्हें इस वजह से टाइपकास्ट कहा जाने लगा. उन्होंने कई बार इंटरव्यू में ये भी बताया कि उन्हें 'भीम' के किरदार से इस कदर फेम मिला कि वो जहां भी पहुंचते, लोग उन्हें घेर लिया करते थे. 

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एक्टर ने लगातार 1998 तक फिल्मी दुनिया में एक्टिव रहने के बाद उससे दूरी बना ली. फिर वो करीब 14 साल बाद धर्मेश तिवारी के निर्देशन में बनी फिल्म 'भीम' में दिखे. जिसके बाद उन्होंने आखिरकार एक्टिंग को पूरी तरह से अलविदा कहते हुए राजनीति में एंट्री की. सबसे पहले वो साल 2013 में आम आदमी पार्टी से जुड़े और दिल्ली विधानसभा की वजीरपुर सीट से चुनाव भी लड़ा. लेकिन वहां से उन्हें हार मिली. फिर उन्होंने बीजेपी का दामन थामा.