Lata Mangeshkar ने एक्टिंग में भी आजमाया था हाथ, फिर ऐसे बनी 'स्वर कोकिला'

अपनी सुरीली आवाज से विश्वभर में परचम लहराने वाले लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) हमेशा-हमेशा के लिए शांत हो गई हैं. जिससे उनके चाहनेवाले शोक में हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लता दीदी ने कभी फिल्मों में एक्टिंग भी की थी.

अपनी सुरीली आवाज से विश्वभर में परचम लहराने वाले लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) हमेशा-हमेशा के लिए शांत हो गई हैं. जिससे उनके चाहनेवाले शोक में हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लता दीदी ने कभी फिल्मों में एक्टिंग भी की थी.

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Pallavi Tripathi
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लता दीदी कर चुकी हैं एक्टिंग( Photo Credit : @lata_mangeshkar Instagram)

अपनी सुरीली आवाज से विश्वभर में परचम लहराने वाले लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) हमेशा-हमेशा के लिए शांत हो गई हैं. लता दीदी के इस दुनिया से चले जाने के बाद उनके चाहनेवालों और देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. हर कोई आंखों में आंसू लिए निशब्द है. लेकिन आज हम स्वर कोकिला के जीवन के बारे में जानकर उन्हें याद करेंगे. आपको बता दें कि जिन लता मंगेशकर को आप 'स्वर सम्राज्ञी' के तौर पर जानते हैं. उन्होंने कभी एक्टिंग से इंडस्ट्री में कदम रखा था. यहां तक कि उन्होंने तकरीबन 8 फिल्मों में काम भी किया था.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1942 में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था. उस समय उनकी उम्र काफी कम थी. लेकिन भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के चलते परिवार की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई थी. ऐसे में उन्होंने एक्टिंग में कदम रखा, जिससे वो अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सके. लेकिन लता दीदी के मुकद्दर में तो 'स्वर कोकिला' बनना लिखा था. ऐसे में एक्टिंग उनकी 'स्वर सम्राज्ञी' बनने की मंजिल का एक जरिया थी. जिस दौरान उन्होंने करीब 8 फिल्मों में काम किया और ये सभी फिल्में पर्दे पर अपना जादू चलाने में असफल रही. जाहिर सी बात है अगर लता की फिल्में सफल हो जाती, तो वे बस एक एक्ट्रेस बनकर रह जाती और 'स्वर सम्राज्ञी' न बनती.

वहीं, बात करें उनके सफर की तो लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने सबसे पहले एक मराठी फिल्म से प्ले बैक सिंगिंग में डेब्यू किया. जिसमें उन्होंने 'Naachu Yaa Gade, Khelu Saari Mani Haus Bhaari' गाना गाया. लेकिन यहां भी उन्हें निराशा मिला. फिल्म से उनके इस डेब्यू सॉन्ग को ही हटा दिया गया. उनका ये गाना भले लोगों के बीच नहीं आया. लेकिन यहां से बतौर प्ले बैक सिंगर लता मंगेशकर का सफर शुरू हो गया. लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि जिस आवाज पर लोग अपनी जान लूटाते हैं, वो कभी उनके और उनकी मंजिल के बीच अड़चन बनी थी. उन्हें अपनी पतली आवाज के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था. क्योंकि उस समय शमशाद बेगम और नूर जहां जैसे सिंगर्स का दबदबा था, जो भारी आवाज में गाने गाया करते थे. लेकिन फिर लता मंगेशकर की आवाज का जादू चल पड़ा और वो सबसे आगे निकल गई.

अगर लता दीदी (Lata Mangeshkar) के सदाबहार गानों पर ध्यान दें तो उन्होंने कई बेहतरीन गाने इंडस्ट्री को दिए हैं. जिनमें 'एक प्यार का नगमा है', 'अजीब दास्तां है ये', 'भीगी-भीगी रातों में', 'लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो न हो' जैसे कई शानदार गानों का नाम शामिल है. इसके अलावा उनका गाना 'ऐ मेरे वतन के लोगों' आज भी लोगों की आंखों में आंसू ला देता है. 

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