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Lata Mangeshkar death anniversary : इस जिंदगी से थक चुकी थीं दीदी! अगले जन्म में नहीं बनना चाहती थीं 'Lata Mangeshkar'

स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज पुण्यतिथि है. लता दीदी (Lata Mangeshkar) का जाना सभी की जिंदगी में एक अपूरणीय क्षति सा है. लता मंगेशकर तमाम सिंगर्स की गुरू थी, जो उनके एक अंश जैसा बनने का प्रयास करते थे.

Updated on: 06 Feb 2023, 01:47 PM

highlights

  • लता दीदी की पुण्यतिथि पर चाहनेवालों की आंखें हैं नम
  • स्वरकोकिला जैसा बनने का सपना देखते हैं लोग
  • लेकिन दीदी नहीं बनना चाहती थीं 'लता मंगेशकर'

नई दिल्ली:

Lata Mangeshkar death anniversary : स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज पुण्यतिथि है. लता दीदी (Lata Mangeshkar) का जाना सभी की जिंदगी में एक अपूरणीय क्षति सा है. लता मंगेशकर तमाम सिंगर्स की गुरु थी, जो उनके एक अंश जैसा बनने का प्रयास करते थे. उनकी ये गुरु अब आंखों से ओझल हो गई हैं. जैसा कि लता दीदी का कहना था 'मेरी आवाज ही मेरी पहचान है', लोग आज और आगे भी लता दीदी के गानों के जरिए उन्हें हमेशा याद रखेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं, जिन लता मंगेशकर की तरह बनने के लोग सपने देखते हैं, वो खुद कभी लता नहीं बनना चाहती. 

 
 
 
 
 
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दरअसल, लता दीदी (Lata Mangeshkar) के जाने के बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसे देखकर लग रहा है कि ये एक इंटरव्यू की क्लिप है. जिस दौरान जब लता दीदी से पूछा जाता है कि अगर उनका अगला जन्म होता है, तो क्या वे दोबारा 'लता मंगेशकर' बनना चाहेंगी. जिस पर उनका जवाब चौंकाने वाला था. 

लता दीदी कहती हैं कि उनसे पहले भी ये सवाल पूछा जा चुका है और जो जवाब उनका पहले था, आज भी वही है. वो कहती हैं कि अगर वाकई उनका दूसरा जन्म हो तो वो लता मंगेशकर नहीं बनना चाहेंगी. क्योंकि लता की जो तकलीफें हैं, वो केवल उन्हें ही पता हैं. उनका ये वीडियो लोगों द्वारा काफी शेयर किया जा रहा है. 

आपको बताते चलें कि लता दीदी (Lata Mangeshkar) काफी समय से बीमारी की जंग लड़ रही थी. उनकी कोरोना रिपोर्ट बीते 8 जनवरी को पॉजीटिव आई. जिसके बाद उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में एडमिट किया गया. जहां उनकी तबियत में काफी सूधार देखने को मिला. लेकिन फिर 5 फरवरी यानी शनिवार की दोपहर उनकी तबियत अचानक बिगड़ी. जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया. लेकिन लता दीदी इस बार जिंदगी और मौत की लड़ाई में हार गई और उनकी सांसों की डोर टूट गई.