logo-image

SSR Case : सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने बताया कि आखिर क्यों पटना में दर्ज की गई FIR

इस मामले में रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है जिसमें दर्ज मामले को पटना से मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की गई थी

Updated on: 13 Aug 2020, 05:08 PM

नई दिल्ली:

बिहार सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में लिखित रूप से कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक दबाव होने के चलते अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले में न तो कोई प्राथमिकी दर्ज की गई और न ही बिहार पुलिस को कोई सहयोग प्रदान किया गया. इस मामले में रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है जिसमें दर्ज मामले को पटना से मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की गई थी.

मंगलवार को शीर्ष अदालत ने रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की ट्रांसफर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया और मामले में सभी पक्षकारों को अपनी लिखित प्रस्तुतियां दर्ज करने को कहा.

यह भी पढ़ें: सुशांत के पिता ने कहा, मुंबई पुलिस ने रिया चक्रवर्ती को सबूत मिटाने का मौका दिया

शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी प्रस्तुति में बिहार सरकार ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र राज्य में राजनीतिक दबाव के चलते ही मुंबई पुलिस के द्वारा न तो एफआईआर दर्ज की गई थी और न ही उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए जांच को आगे बढ़ाने में बिहार पुलिस को कोई सहयोग प्रदान किया.' बिहार सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने भी इसी तरह की दलील दी थी.

महाराष्ट्र में बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को क्वॉरंटाइन किए जाने की बात का आलोचना करते हुए सरकार ने कहा, 'जहां एक ओर बिहार राज्य और यहां के अधिकारियों ने महाराष्ट्र राज्य के अधिकारियों के प्रति जिम्मेदारी और सम्मान की भावना के साथ काम किया, वहीं दुख की बात तो यह है कि महाराष्ट्र राज्य के अधिकारियों की ओर से इसी संदर्भ में समान आचरण का अभाव रहा.'

यह भी पढ़ें: कंगना रनौत ने फिर की सुशांत के लिए न्याय की मांग, Video शेयर कर कही ये बात

इस प्रस्तुति में और भी बातों का विस्तृत तरीके से जिक्र करने के साथ बिहार सरकार ने यह भी कहा कि वर्तमान मामले में तथ्यों और परिस्थितियों के विषय में विनम्रतापूर्वक यह कहा जा रहा है कि सीबीआई द्वारा जांच को पूरा करने के रास्ते में किसी भी बाधा को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.