मध्यप्रदेश के मिनी बॉम्बे में होगा IIFA, खर्च होंगे इतने करोड़
कांग्रेस के नेतृत्ववाली सरकार पर निशाना साधते हुए भार्गव ने कहा कि एक तरफ सरकार खजाना खाली होने की बात करती है और दूसरी तरफ आईफा के आयोजन पर 58 करोड़ खर्च करने जा रही है
नई दिल्ली:
फिल्मी दुनिया के सबसे बड़े आयोजन आईफा अवार्ड (International Indian Film Academy Awards) समारोह के जरिए मध्यप्रदेश देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाना चाहता है. यही वजह है कि आईफा आयोजन समिति को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से यह संदेश साफ तौर पर दिया जा चुका है कि वह देश और दुनिया में आईफा के प्रचार के साथ मध्यप्रदेश के प्रचार में भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी. कमल नाथ (Kamal Nath) सरकार ने आईफा के प्रचार में मध्यप्रदेश को प्रमुख स्थान दिए जाने को कहा है.
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राज्य की व्यावसायिक नगरी इंदौर में मार्च माह में तीन दिवसीय आईफा अवार्ड (IIFA Awards) समारोह होने जा रहा है. आईफा का यह 21वां आयोजन है. मुंबई के अलावा सारे आयोजन देश से बाहर हुए हैं. मुंबई के बाद इंदौर ही वह दूसरा स्थान है, जहां यह आयोजन होने वाला है. इंदौर में आईफा के आयोजन को लेकर लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर इस स्थान का चयन क्यों किया गया. इस सवाल का जवाब देने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आईफा आयोजन समिति के सुपुर्द की है.
With a perfect melange of glitz, glamour & shine, the moment of the day is finally here! 📸⚡#IIFA2020MP #IIFA pic.twitter.com/Jl0HJKRcwQ
— IIFA Awards (@IIFA) February 3, 2020
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आईफा अवार्ड समारोह की आयेाजन समिति के सदस्यों की मुख्यमंत्री कमल नाथ के साथ सोमवार को बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि इस आयेाजन को जो भी देखने आएगा, उसे टिकट लेना होगा, पास की व्यवस्था नहीं होगी. मुख्मयंत्री स्वयं इस आयोजन का टिकट पहले ही खरीद चुके हैं.
राज्य सरकार की ओर से चार मंत्रियों बाला बच्चन, सुरेंद्र सिंह बघेल 'हनी', प्रियव्रत सिंह एवं जयर्वद्धन सिंह की समिति बनाई गई है. इस समिति से आयोजक संपर्क में रहकर व्यवस्थाएं संबंधी सहयोग प्राप्त कर सकेंगे.
कमल नाथ पहले कह चुके हैं कि वे इस आयोजन के जरिए राज्य को दुनिया में विशिष्ट पहचान दिलाना चाहते हैं. अब उन्होंने इस दिशा में कदमताल भी तेज कर दी है. मुख्यमंत्री ने आयेाजकों से कह दिया है कि वे अपने आयोजन के प्रचार के साथ राज्य की धरोहर, पर्यटन स्थल, धार्मिक और एतिहासिक स्थलों के अलावा यहां की खूबियों को भी प्रचारित करें, ताकि जो भी व्यक्ति इस आयोजन में आए वह मध्यप्रदेश को बेहतर तरीके से जान सके. साथ ही प्रचार की विषय-वस्तु ऐसी हो जो लोगों को रुचिकर लगे.
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मुख्यमंत्री ने आयोजकों से राज्य द्वारा यह आयोजन की रुचि को स्पष्ट करते हुए कहा, "इस आयोजन को लेकर हमारा उद्देश्य सिर्फ यह है कि इसके माध्यम से मध्यप्रदेश की एक प्रोफाइल बने और देश-विदेश में इसकी पहचान हो. मगर राज्य में होने वाले इस आयोजन का भाजपा विरोध कर रही है."
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि जहां एक ओर किसान कर्जमाफी के इंतजाम में खुदकुशी कर रहे हैं, दलित-आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं, बेरोजगार हताश-निराश हैं, गरीबों की योजनाएं बंद हो रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर सरकार आईफा के आयोजन के जरिए वाहवाही लूटने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस के नेतृत्ववाली सरकार पर निशाना साधते हुए भार्गव ने कहा कि एक तरफ सरकार खजाना खाली होने की बात करती है और दूसरी तरफ आईफा के आयोजन पर 58 करोड़ खर्च करने जा रही है. वास्तव में यह आयोजन सरकार के निकम्मेपन, नाकारापन और वादाखिलाफी का जश्न है.
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