logo-image

फ्लैटों को जोड़ने के आरोपों पर बोलीं कंगना, यह महाविनाशकारी सरकार का नकली प्रचार

कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने ट्वीट में दावा किया कि भवन का निर्माण इस तरह से किया गया है कि प्रत्येक मंजिल पर एक अपार्टमेंट है और यह खरीदने के समय ऐसा ही था

Updated on: 02 Jan 2021, 02:16 PM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने शनिवार को उस खबर का खंडन करते हुए ट्वीट किया कि जिसमें कहा गया है कि उन्होंने 3 फ्लैटों को मिलाकर एक फ्लैट कर दिया है. ये फ्लैट शहर के खार इलाके में 16 मंजिला- इमारत की पांचवीं मंजिल पर हैं. कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने ट्वीट में दावा किया कि भवन का निर्माण इस तरह से किया गया है कि प्रत्येक मंजिल पर एक अपार्टमेंट है और यह खरीदने के समय ऐसा ही था. बल्कि अभिनेत्री ने आरोप लगाया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) उसे परेशान कर रही है. साथ ही उन्होंने शिवसेना सरकार पर कटाक्ष भी किया.

यह भी पढ़ें: VIDEO: शाहरुख खान 2021 में बड़े स्क्रीन पर करेंगे धमाका, किया कंफर्म

कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने ट्वीट किया, 'महाविनाशकारी सरकार का नकली प्रचार कि मैंने फ्लैट जोड़े हैं, जबकि मैंने ऐसा नहीं किया है. पूरी इमारत इसी तरह से बनाई गई है. हर मंजिल पर एक अपार्टमेंट है और इसे मैंने ऐसे ही खरीदा था. पूरी बिल्डिंग में केवल मुझे बीएमसी परेशान कर रहा है. मैं हाई कोर्ट में केस लड़ूंगी.'

यह भी पढ़ें: उर्वशी रौतेला ने मम्मी से बर्थडे पर कटवाया 'Gold' का केक, देखें Photos

 
 
 
 
 
View this post on Instagram
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Kangana Ranaut (@kanganaranaut)

पिछले साल सितंबर में बीएमसी ने अवैध निर्माण का हवाला देते हुए बांद्रा स्थित  कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के कार्यालय के कुछ हिस्सों को तोड़ दिया था. 9 सितंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद तोड़-फोड़ बीच में रोक दी गई थी. बता दें कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने खार स्थित कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के अपार्टमेंट में हुए ‘अवैध निर्माण’ को गिराने के लिए 2018 में नोटिस जारी किया था. कंगना ने जनवरी 2019 में डिंडोशी दीवानी अदालत में बीएमसी के नोटिस को चुनौती दी थी. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि वह बीएमसी को उनके अपार्टमेंट में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने से रोके. जिस पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश चव्हाण ने कंगना की अर्जी खारिज कर दी लेकिन साथ ही उन्हें बंबई उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है.