जूही चावला ने 5G टेक्नोलॉजी के खिलाफ दर्ज कराया केस, सुनवाई आज
जूही चावला काफी लम्बे समय से मोबाइल टावरों से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन (Harmful radiation) के खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलाने की कोशिश करती रहीं हैं. इसे लेकर उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है.
highlights
- कई सालों से 5G का विरोध कर रही हैं जूही
- 2018 में महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम देवेंद्र फड़नवीस को पत्र लिखा था
नई दिल्ली:
5G से कोरोना बढ़ने की अफवाह फैलने के बाद से देश में 5G इंटरनेट टावर परिक्षण पर प्रतिबंध लागने की मांग तेज हो गई है. बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला (Juhi Chawla) भी इस मुहिम में शामिल हो गई हैं. जूही पर्यावरण को लेकर फैंस को सोशल मीडिया पर अवेयर करती रहती हैं. वे अक्सर पर्यावरण को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर करती रहती हैं. वे काफी लम्बे समय से मोबाइल टावरों से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन (Harmful radiation) के खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलाने की कोशिश करती रहीं हैं. इसे लेकर उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है.
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5G के लगने से पहले इसके खिलाफ केस दर्ज किया है. जिसको लेकर पहली सुनवाई आज होने वाली है. जूही ने अपनी याचिका में कहा है कि टेलिकम्यूनिकेशन इंडस्ट्री 5G तकनीक भारत में लाने की तैयारी कर रही है तो इसके एक्सपोजर से इंसान, जानवर, पक्षी कोई भी इस पृथ्वी पर बच नहीं पाएगा. आरएफ रेडिएशन आज की तुलना में 10- 100 गुना बढ़ जाएगी. इस 5जी तकनीक की वजह से इंसान के साथ पृथ्वी के इकोसिस्टम पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा.
जूही ने मीडिया से कहा है कि हम उन्नत किस्म के तकनीक को लागू किए जाने के खिलाफ नहीं हैं. बल्कि हम टेक्नोलॉजी के नए प्रोडक्ट्स का भरपूर लुत्फ उठाते हैं जिनमें वायरलेस कम्युनिकेशन का भी हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के डिवाइजों को इस्तेमाल करने को लेकर हम हमेशा ही असमंजस की स्थिति में रहते हैं क्योंकि वायरफ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावर्स से संबंधित हमारी खुद की रीसर्च और अध्ययन से ये पुख्ता तौर पर पता चलता है कि इस तरह की रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के लिए बेहद हानिकारक है.
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बता दें कि जूही पिछले कई सालों से 5G टेक्नॉलजी को लेकर जागरुकता अभियान चला रहीं हैं. साल 2018 में उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने मोबाइल टावर और वाईफाई हॉटस्पॉट से निकलने वाले रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में आगाह किया था.
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