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क्या तूफान से पहले की शांति है शाहरुख खान की चुप्पी, NCB के खिलाफ करेंगे कानूनी कार्रवाई!

कोर्ट ने कहा कि शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) के पास से कोई भी आपत्तिजनक पदार्थ नहीं मिला है और इस तथ्य पर कोई विवाद भी नहीं है

Updated on: 24 Nov 2021, 05:44 PM

highlights

  • शाहरुख खान परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं
  • आर्यन खान को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था
  • आर्यन ने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली है

नई दिल्ली:

बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) इन दिनों काम से दूर अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं. शाहरुख खान ने बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) के ड्रग्स मामले में नाम आने के बाद से काम से दूरी बना ली थी और अपने सभी अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की शूटिंग टाल दी थी. शाहरुख इन दिनों आर्यन के साथ अपने फार्म हाउस पर हैं और आर्यन हर हफ्ते एनसीबी के चक्कर लगा रहे हैं. वहीं अब खबर आ रही है कि शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के खिलाफ कोई सख्त कदम उठा सकते हैं.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की लीगल टीम ने उन्हें एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और आर्यन खान पर झूठा आरोप लगाने वाले अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की सलाह दी है. फिलहाल शाहरुख ने इस मामले में अपनी बात नहीं रखी है और सोशल मीडिया से भी दूर हैं. आर्यन खान (Aryan Khan) को 2 अक्टूबर की रात मुंबई से गोवा जाने वाली कॉर्डेलिया क्रूज शिप से हिरासत में लिया था. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. आर्यन खान को ड्रग्स मामले में करीब 26 दिन तक जेल में रहना पड़ा और 28 अक्टूबर को आर्यन को हाईकोर्ट से जमानत मिली.

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इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 20 नवंबर को आर्यन से संबंधित बेल ऑर्डर जारी किया था जिसमें कोर्ट की तरफ से कहा गया कि आर्यन खान के पास से कोई भी आपत्तिजनक पदार्थ नहीं मिला. वहीं अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के पास से अवैध मादक पदार्थ पाया गया, जिसकी मात्रा बेहद कम थी. बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे ने 14 पन्नों का विस्तृत फैसला सुनाते हुए कहा कि एनसीबी द्वारा रिकॉर्ड में लाई गई सामग्री को देखते हुए अदालत ने पाया है कि तीनों आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई सकारात्मक सबूत नहीं था. अदालत ने अक्टूबर में आर्यन खान, धमेचा और मर्चेट को जमानत देते हुए कहा था कि चूंकि साजिश जैसा कोई अपराध नहीं था, इसलिए जमानत देने पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 की कठोरता इस मामले में लागू नहीं होगी.