Amol Palekar Birthday: 'एंग्री यंग मैन' के जमाने में 'कॉमन मैन' बने पालेकर
1970 के दशक में अमोल पालेकर ने अपने अभिनय और अपने काम से सबको खूब प्रभावित किया और वहीँ दूसरी ओर बासु चटर्जी के साथ कई हिट फिल्में देने के बाद अमोल पालेकर हिंदी सिनेमा का जाना- मना चेहरा बन गए.
नई दिल्ली :
बॉलीवुड की चमकती दुनिया के अमोल पालेकर (Amol Palekar) एक अभिनेता, निर्देशक और निर्माता हैं. जिन्होंने मुख्य रूप से हिंदी और मराठी सिनेमा में काम कर के देश देश का दिल जीत रखा है. पालेकर ने अपने करियर की शुरुआत एक चित्रकार के रूप में की थी, जो थिएटर में उन दिनों महत्वपूर्ण पद पर काम भी करता था. थिएटर की दुनिया से एक अलग पहचान बनाने वाले अमोल ने महारथ हासिल कर लीं और फ़िल्मी जगत के एक चमकते हुए सितारे के रूप में उभर के सामने आए. 1970 के दशक में अमोल पालेकर ने अपने अभिनय और अपने काम से सबको खूब प्रभावित किया और वहीँ दूसरी ओर बासु चटर्जी के साथ कई हिट फिल्में देने के बाद अमोल पालेकर हिंदी सिनेमा का जाना- मना चेहरा बन गए.
अमोल पालेकर 'एंग्री यंग मैन' के जमाने में 'कॉमन मैन' बनकर लाखों लोगों के दिल का हिस्सा बन गए थे. अमोल पालेकर (Amol Palekar) का नाम सुनते ही मूवी 'गोलमाल' ध्यान में आ जाती है. एक 'कॉमन मैन' का रोल प्ले करने वाले अमोल आज तमाम लोगों के दिल का हिस्सा बन चुके हैं. बता दें, आज वह अपना 77वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं, ऐसे में हमने आपके लिए उनकी हिट फिल्मों की सूचि तैयार की है जो आपकी पुरानी यादों को ताज़ा कर देगी.
चितचोर (ChitChor)
चितचोर अमोल पालेकर द्वारा अभिनय की गई एक रोमांटिक, संगीतमय फिल्म बनी थी जो राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनाई गई थी. ताराचंद बड़जात्या के निर्देशन में बनी ये फिल्म अपने टाइम में लाखों लोगों का दिल जीत ले गई. यह सुधा घोष की बंगाली कहानी चित्तचकोर पर आधारित फिल्म थी. पालेकर ने चितचोर से अच्छा नाम हासिल किया और दर्शकों से प्यार भी पाया.
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गोलमाल (Golmaal)
फिल्म में उत्पल दत्त और अमोल का शानदार संयोजन है, जिसने इस फिल्म को एक सही आकार दिया. फिल्म में, अमोल ने अपनी नौकरी बचाने के लिए रामप्रसाद शर्मा और लक्ष्मणप्रसाद शर्मा के रूप में दोहरी भूमिका निभाई है. पालेकर की फिल्म का गाना 'आने वाला पल जाने वाला है' और 'गोल माल है भाई सब गोल माल है' दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया और यह गाना इतना हिट हुआ कि आज भी लोगों की जुबान पर यह गाना शामिल रहता है.
नरम गरम (Naram Garam)
नारम गरम' ऋषिकेश मुखर्जी की उन फिल्मों में से एक है, जो उस दौर की कम बजट की हिट फिल्मों में से एक थी. इस फिल्म में नाटक के साथ एक मधुर रोमांटिक कहानी का सार दिखाया गया है जो दर्शकों को बांधने में पर्दे पर अच्छी साबित हुई थी. क्या दो लवबर्ड्स एक साथ आएंगे और घर का मालिक किराएदार को बाहर निकालता है या नहीं? ये सवाल दर्शकों को फिल्म में शुरू से अंत तक बांधे रखता है.
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बातों बातों में (Baton Baton mein)
तीन साल तक नाटकीय भूमिकाएँ करने के बाद, पालेकर ने बसु चटर्जी की एक और फिल्म 'बातों बातों में ' के साथ सॉफ्ट रोमकॉम में वापसी की. पालेकर ने एक नव नियोजित युवा ‘टोनी ब्रागांजा’ की भूमिका निभाई है जो टीना अंबानी से मिलता है और उसके प्यार में पड़ जाता है. फिल्म में पालेकर ने अच्छे प्रदर्शन से लोगों का बखूबी दिल जीता.
डायरेक्शन के छेत्र में पालेकर ने बनाया अपना नाम
अमोल पालेकर ने एक्टिंग में जितना नाम कमाया उससे ज्यादा उन्होंने निर्देशन में अपनी कला से नाम बना लिया. उन्हें बेस्ट निर्देशन के लिए 5 बार नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है. 'आंखें' नामक फिल्म से उन्होंने डायरेक्शन में अपना पहला कदम बढ़ाया था. इस फिल्म में बतौर एक्टर उन्होंने खुद ही काम कर लिया. इसके अलावा, दायरा, रुमानी हो जाए, बांगरवाड़ी, ध्याव परवा, पहेली, क्वेस्ट, एंड वन्स अगेन और समानांतर फिल्में इनकी डायरेक्शन की लिस्ट में शामिल हैं. अमोल पालेकर ने अपने एक इंटरव्यू में खुद के लिए बताया, "मैं एक प्रशिक्षित पेंटर हूं, दुर्घटनावश एक्टर हूं, मजबूरी में बना प्रोड्यूसर हूं और खुद की पसंद से बना डायरेक्टर हूं".
अमोल पालेकर की बातों से ही साफ़ है कि उन्होंने अपने जीवन में कितना संघर्ष किया है. और आज उनकी इसी मेहनत का नतीजा हम सभी को देखने को मिल रहा है.
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