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BSP सुप्रीमो मायावती पर मजाक करना रणदीप हुड्डा को पड़ा भारी, UN ने ब्रांड एंबेसडर के पद से हटाया

दलितों की मसीहा मानी जाने वाली और यूपी की पूर्व सीएम मायावती जो एक मात्रा ऐसी नेता हैं जो दलितों के उत्थान के लिए सदैव तत्पर रहतीं हैं.

Updated on: 28 May 2021, 07:34 PM

highlights

  • रणदीप हुड्डा को UN ने ब्रांड एंबेसडर के पद से हटाया
  • बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
  • रणदीप हुड्डा का ये जोक लोगों को कतई पसंद नहीं आया

नई दिल्ली:

दलितों की मसीहा मानी जाने वाली और यूपी की पूर्व सीएम मायावती जो एक मात्रा ऐसी नेता हैं जो दलितों के उत्थान के लिए सदैव तत्पर रहती हैं. उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों पर विवाद के बाद अभिनेता रणदीप हुड्डा को संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण, जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण के लिए कन्वेंशन (CMS) के ब्रांड एंबेसडर के पद में हटा दिया गया है. दरअसल, रणदीप हुड्डा हाल ही में अपने एक वीडियो को लेकर मुसीबत में फंस गए हैं. रणदीप का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह मायावती को लेकर कुछ ऐसा कमेंट कर देते हैं जो लोगों को पसंद नहीं आया. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर एक्टर रणदीप हुड्डा को गिरफ्तार करने की मांग भी उठी थी. 

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2012 में एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम की 43 सेकंड की क्लिप फिर से सामने आई जब एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने इसे साझा किया. वीडियो में हुड्डा एक चुटकुला सुनाते हैं और फिर दर्शकों के साथ हंसते हैं. अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में, सीएमएस ने कहा कि संगठन को वीडियो में टिप्पणियां "आपत्तिजनक" लगती हैं और रणदीप हुड्डा अब उनके लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम नहीं करेंगे.

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बयान में कहा गया है, "सीएमएस सचिवालय वीडियो में की गई टिप्पणियों को आपत्तिजनक मानता है, और वे सीएमएस सचिवालय या संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों को नहीं दर्शाते हैं." अभिनेता को फरवरी 2020 में तीन साल के लिए प्रवासी प्रजातियों के लिए सीएमएस ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया था. जबकि सीएमएस संयुक्त राष्ट्र की एक संधि है, बयान ने स्पष्ट किया कि यह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम दोनों से अलग है और एकमात्र इकाई जिसके लिए हुड्डा ने ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य किया.

बता दें कि अगाथा सृष्टि नाम की एक ट्वीटर यूजर्स ने लिखा- अगर यह नहीं समझाता कि यह समाज कितना जातिवादी और सेक्सिस्ट है, खासकर दलित महिलाओं के प्रति, मुझे नहीं पता कि क्या होगा. "मजाक", दुस्साहस, भीड़. रणदीप हुड्डा, बॉलीवुड के शीर्ष अभिनेता एक दलित महिला के बारे में बात कर रहे हैं, जो उत्पीड़ितों की आवाज रही है.