रविकिशन घर से 500 रुपये लेकर पहुंचे थे मुंबई, राजनीति में ऐसे आए
एक सफल अभिनेता के रूप में रवि किशन कई यादगार किरदार निभाए. एक छोटे से गांव से निकलकर सुपरस्टार बनने का सफर उनके लिए बहुत मुश्किल रहा. उन्होंने भोजपुरी के अलावा बॉलीवुड और साउथ में काम करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है.
highlights
- सी-ग्रेड फिल्म से शुरू किया एक्टिंग करियर
- तेरे नाम फिल्म से करियर को मिली नई दिशा
- मनोज तिवारी राजनीति में लेकर आए
नई दिल्ली:
भोजपुरी के सुपरस्टार और गोरखपुर से सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. फिल्मों के साथ ही इनकी राजनीति जीवन सातवें आसमान पर है. भोजपुरी को मुख्यधारा के सिनेमा से जोड़ने का बड़ा क्रेडिट रवि किशन को भी जाता है. एक सफल अभिनेता के रूप में रवि किशन कई यादगार किरदार निभाए. एक छोटे से गांव से निकलकर सुपरस्टार बनने का सफर उनके लिए बहुत मुश्किल रहा. उन्होंने भोजपुरी के अलावा बॉलीवुड और साउथ में काम करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है. अपनी शानदार एक्टिंग से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया है. वह बड़े बड़े सितारों के साथ काम कर चुके हैं. मगर एक समय ऐसा था जब रवि के पास काम नहीं था.
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500 रुपये लेकर मुंबई आए थे
रवि किशन बचपन से ही अमिताभ बच्चन के बड़े प्रशंसक रहे हैं. वो उनकी लगभग हर फिल्म देखते थे. उन्हें अभिनय का बुखार कुछ इस कदर चढ़ा कि वो रामलीला में सीता का किरदार निभाने लगे. लेकिन रवि किशन के पिता चाहते थे कि वो दूध का व्यापार करें. अभिनय के क्षेत्र में जाने की बात कहने पर ही उनकी काफी पिटाई हुई थी. जब रवि 17 साल के हुए तो उनकी मां ने उन्हें 500 रुपए दिए और वो भागकर मुंबई आ गए थे. रवि किशन यहां एक चॉल में रहकर फिल्मों में काम ढूंढने लगे.
फिल्म 'पीतांबर' से किया डेब्यू
फिल्म जगत में संघर्ष करते हुए उन्हें साल 1992 में बी-ग्रेड की फिल्म 'पीतांबर' में काम करने का मौका मिला. हालांकि इसके बाद भी उन्हें अपने सपनों के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. रवि किशन की किस्मत के सितारे तब चमके जब उन्हें सलमान खान की फिल्म 'तेरे नाम' ऑफर हुई.
भोजपुरी फिल्मों से बने सुपरस्टार
तेरे नाम में काम करने के बाद एक समय ऐसा आया कि रवि किशन को बॉलीवुड में काम नहीं मिल रहा था. इस दौरान उन्होंने भोजपुरी इंडस्ट्री में कदम रखा. उन्हें सईया हमार में काम करने का मौका मिला. भोजपुरी इंडस्ट्री में काम करने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह लगभग 350 भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके हैं.
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अब तक कई अवार्ड जीत चुके
रवि किशन ने फिल्म तेरे नाम के लिए रवि किशन ने सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. वहीं 2005 में आई उनकी भोजपुरी फिल्म 'कब होई गवनवा हमार' को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. वे ऐसे अभिनेता बने जिन्हें एक साथ हिंदी और भोजपुरी की राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त फिल्मों का हिस्सा होने का गौरव मिला.
राजनीति में मनोज तिवारी लेकर आए
रविकिशन और मनोज तिवारी दोनों ही भोजपुरी सिनेमा के दो बड़े सुपरस्टार के अलावा एक सफल राजनेता बन चुके हैं. दोनों की अपनी फैन फॉलोविंग होने के कारण दोनों में इगो क्लैश बहुत रहता था, लेकिन इसके बाद भी रविकिशन को राजनीति में लाने का श्रेय मनोज तिवारी को जाता है. दोनों ही आज बीजेपी पार्टी से सांसद हैं. रविकिशन सीएम योगी गृह जनपद गोरखपुर से सांसद हैं. जबकि मनोज तिवारी पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं.
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